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केन्द्रीय बजट में शिक्षा के साथ जान और जहान पर ज़ोर

अर्थशास्त्र के छात्रों ने की बजट की समीक्षा

पटना। गांधी अर्थ परिषद कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना के तत्वावधान में मंगलवार को बिहार और केंद्र सरकार के बजट पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो तपन कुमार शान्डिल्य ने की । परिचर्चा में अर्थशास्त्र विभाग के छात्र और छात्राओं ने केन्द्र और राज्य के बजट के विभिन्न आयामों विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय पूंजी, कृषि, स्वास्थ्य, स्पोर्ट्स और युवा जगत जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे। प्रो. संजय पांडेय ने बिहार बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि बजट में कृषि के लिए आवंटित फंड में कटौती की गई है। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शान्डिल्य ने केंद्रीय बजट में जान है जहान है पर विशेष बल दिया गया है। शिक्षा की हिस्सेदारी सब से अधिक है जबकि योजना मद का 60 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर पर सुधार लाने पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के बजट में रोजगार सृजन के लिए उद्योगों के विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। परिचर्चा में अर्थशास्त्र विभाग की विभाग अध्यक्ष प्रो. रश्मि अखौरी, , प्रो. मृदुला कुमारी, प्रो. बैकुंठ राय, प्रो. संगीता कुमारी, प्रो ए के भास्कर के आलावा अर्थशास्त्र विभाग के छात्रों अभिषेक कुमार, कन्हैया कुमार, सौरभ कुमार, मुस्कान आनंद, राहुल सिंहा और ऋषभ राज ने बजट की खूबियों और ख़ामियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन एम ए तृतीय वर्ष के सेमेस्टर के छात्र सौरभ कुमार ने किया जबकि एम ए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा सोनी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। परिचर्चा में विभिन्न विभागों के शिक्षकों के अलावा बड़ी संख्या में छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे।

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सम्पादक

डॉ. लीना