Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

“पुलिस और मीडिया में संवाद” विषय पर संगोष्ठी

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का आयोजन कल 

भोपाल/  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा भोपाल में पुलिस और मीडिया में संवाद विषय पर 18 सितम्बर, 2012 को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल श्री रामनरेश यादव करेंगे।

इस एक दिवसीय संगोष्ठी में देश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं वरिष्ठ मीडियाकर्मी एक साथ बैठकर विचार-विमर्श करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में वर्तमान एवं भूतपूर्व अधिकारी शामिल है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में भूतपूर्व निदेशक सी.बी.आई. श्री डी. आर. कार्तिकेयन, मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेषक श्री नंदन दुबे एवं भूतपूर्व पुलिस महानिदेषक श्री अरूण गुरूतु, श्री नरेन्द्र प्रसाद, श्री एस. सी. त्रिपाठी, श्री जी. पी. दुबे, श्री जी. एस. माथुर एवं श्री जी. के. सिन्हा शामिल है। संगोष्ठी में कई वर्तमान आई जी. पुलिस भाग लेंगे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. के. कुठियाला ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं वरिष्ठ मीडियाकर्मियों को एक मंच पर लाने का विश्वविद्यालय का यह एक अनूठा प्रयास है इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देष्य दोनों वर्गों के बीच बेहतर तालमेल एवं एक दूसरे की कठिनाइयों एवं सहयोग के बिन्दुओं को चिन्हित कर सार्थक वातावरण तैयार करना है। उन्होने कहा कि पुलिस और मीडिया दोनों का उद्देश्य समाज को और बेहतर बनाना है। यह संगोष्ठी पूर्वाह्न 10.30 बजे से अपराह्न 5.30 बजे तक सम्पन्न होगी। प्रो. कुठियाला ने बताया कि संगोष्ठी में गहन विचार-विमर्श के लिये तीन सत्र होंगे,

प्रथम सत्र -  कानून व्यवस्था: जनसमुदाय को क्या बताना आवश्यक 

द्वितीय सत्र - प्रहरी- कौन ? पुलिस या मीडिया या दोनो

तृतीय सत्र -  पुलिस व्यवस्था में जनसम्पर्क की रचना

प्रो. कुठियाला ने बताया कि यह तीनों विषय पुलिस और मीडिया के कार्य के अभिन्न अंग है। उन्होने आशा व्यक्त की कि इन तीनों सत्रों में सभी प्रतिभागी खुलकर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे जिससे दोनों के कार्यो में सुधार की संभावना और बढे़गी।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना