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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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विश्वगाथा के द्वारा चार पुस्तकों का लोकार्पण

सुरेन्द्रनगर/ गुजराती-हिन्दी साहित्यिक एवं पुस्तक प्रकाशन प्रवृत्ति के क्षेत्र में सक्रिय :विश्वगाथा” ने चार नूतन पुस्तकों का लोकार्पण हाल ही में किया। समारोह में गुजराती भाषा के गिरनारी कवि श्री राजेन्द्र शुक्ल, श्री हर्षद त्रिवेदी, डॉ. बिन्दु भट्ट, डॉ. जयश्री देसाई, वीरेन्द्र आचार्य एवं कविश्री राज लखतरवी उपस्थित थे। समारोह में कविश्री तरुण जानी का ग़ज़ल संग्रह – “शब्द थई ने”, मनोज पंड्या का बाल कविता संग्रह “बाल मंजरी”, कानजी वाढेर का निबंध संग्रह “मन वसेलां मानवी” और हरियाणा के सोनपत की प्रोफ़ेसर डॉ. डेज़ी का हिन्दी कविता संग्रह “करवटें मौसम की” का लोकार्पण किया गया।

“विश्वगाथा” हिन्दी साहित्यिक सामयिक के संपादक, प्रकाशक एवं साहित्यकार श्री पंकज त्रिवेदी ने जिले में सर्व प्रथम प्रकाशन क्षेत्र में कार्य करके साहित्य प्रेमियों के लिए उम्दा कार्य किया है। 

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना