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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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लक्ष्मण की याद में ठहाके ही ठहाके

हम लोग' ने आर.के.लक्ष्मण को याद किया 

मुंबई। सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट स्व. आर.के.लक्ष्मण को भावांजलि देने के लिए सामाजिक, साहित्यक संस्था ‘हम लोग’की ओर से ‘आर के लक्ष्मण ’  कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को  मुंबई मराठी पत्रकार संघ में हुआ। रवि यादव के सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साथ ही ‘हम लोग गौरव सम्मान-2015’ से पत्रकारिता जगत की विभिन्न हस्तियों व साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया। सत्कार मुर्ति ‘दैनिक दबंग दुनिया’के संपादक खान नासेर जमाल, ‘दैनिक दबंग दुनिया’ के ग्रुप कार्टूनिस्ट इस्माईल लहरी और मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में ‘दोपहर का सामना’ के कार्यकारी संपादक प्रेम शुक्ल, मी मराठी लाइव के बिजनेस हेड आर्दश मिश्रा, स्तम्भकार फिरोज अशरफ, ‘नवनीत’ के संपादक विश्वनाथ सचदेव आदि उपस्थित रहे। समारोह में अतिथियों को शाल, श्रीफल, पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। 

 कार्टूनिस्ट लहरी ने कहा कि 'जब मैं पैदा हुआ तो रोया था, तो मेरे घर वाले हंसे थे। अपने रोने से लोगों को हंसाना पेशा बना लिया , वक्तव्य को जारी रखते हुए लहरी ने कहा कि आज मैं जहां सम्मानित किया गया वह शहर आर. के लक्ष्मण का है वह शहर स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का है, जहां लोग बातों से ऊब जाते हैं वहीं से कार्टून शुरू होता है।' ‘दबंग दुनिया’ के सलाहकार संपादक खान नासेर जमाल ने कहा कि 'दोस्तों मेरे परिचय में बार बार एक लाइन दोहराई गयी कि सलाहकार संपादक, मैं कहीं भी सलाह देने लगता हूं।' उनके इस कथन से हंसी के फव्वारे छूटने लगे। 

हम लोग संस्था के अध्यक्ष एड. विजय सिंह ने कहा कि-'ऐसे साहित्यिक कार्यक्रम करना और मुख्य रूप से  मुंबईकरों के लिए कुछ करना मेरा फर्ज है और यह मई करता रहूंगा।' 'प्रेम शुक्ल ने अपने वक्तव्य में कहा कि 'आज जितनी बात 10 संपादकीय में कही जा सकती है वो बात एक कार्टून में कह सकते हैं।' आदर्श मिश्र ने कहा कि जहां से शब्द खत्म होते हैं, वहीं से कार्टून शुरू होते हैं।'  कार्यक्रम के अंत में ‘नवनीत’ के संपादक विश्वनाथ सचदेव कहा कि 'कार्टूानिस्ट जब हमारे सामने दर्पण रख देता है तो हमें समझ में  आता है कि हम क्या हैं।' फिरोज अशरफ ने सच्चे दोस्त की प्रशंसा की। 

इस अवसर पर पत्रकारिता व साहित्य क्षेत्र से रास बिहारी पांण्डेय, रमेश यादव, सुरेश मिश्र, डॉ. जे.पी. वगेल, सुमन सारस्वत, अलका अग्रवाल, लक्ष्मण शर्मा वाहिद, अमर त्रिपाठी, नामदार राही, सुनीता पांडेय,लक्ष्मी यादव, राजेश विक्रांत, आकाश, संजीव निगम, अमर त्रिपाठी, कवि घनश्याम अग्रवाल, दिनेश भड़साले, पारुल पांडेय, अखिलेश मिश्र आदि ने कार्यक्रम में पहुंचकर  चार चांद लगाया। मंच संचालन कर रहे अनंत श्रीमाली ने कहा कि जिस घर में हंसी खुशी नहीं वहां मटके का पानी भी सुख जाता है  जैसे ही कार्टूनिस्ट हमेशा सब को हंसातें रहते हैं।  आफताब आलम ने आभार व्यक्त किया। 

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सम्पादक

डॉ. लीना