बिहारशरीफ। राजगीर के मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर आहुत शुक्रवार को राजगीर बंद की खबरों को दैनिक भास्कर, दैनिक प्रभात खबर तथा दैनिक जागरण में विस्तार से अपनी अखबारों में जगह दी. वहीं दैनिक हिंदुस्तान में एक भी लाइन की खबर नहीं छापी. बताया जाता है कि बंद में सभी प्रकार के दुकानदारों का संपूर्ण सहयोग रहा। यहां तक कि फुटपाथ दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी। इसके अलावे राजगीर के छोटे- बड़े सभी प्रकार के व्यवसायी अपनी दुकान को स्वयं बंद रखें। यह सैरात भूमि आध्यात्म और संस्कृति का प्रतीक है। इसी जमीन पर हर तीन साल पर मलमास मेला लगता है.
बताया जाता है कि एक कथित दबंग पत्रकार की उस भूमि पर दो मंजिला आलीशान होटल बना हुआ है. बताया यह भी जाता है कि इन्हीं सब कारणों के कारण हिंदुस्तान के अलावा कुछ अखबारों ने भी इस खबर को दबाने का प्रयास किया है.