Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

भोजपुरी खातिर जन आंदोलन चलाना होगा

आंठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग 

लाल बिहारी लाल/ नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस पर भोजपुरी जन जागरण अभियान के तात्वावधान में भोजपुरी भाषा को संविधन के आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन जंतर मंतर पर किया गया।

भोजपुरी मान्यता आंदोलन के तत्वावधान में  25 करोड़ भोजपुरी भाषियों की लड़ाई पिछले कई वर्षो से जारी है और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। पिछले धरना में कई सांसदो ने वादा किया था की हम इसके लिए प्रयास करेंगे पर आज वो भी खामोश हो गये है। इस संदर्भ में गृहमंत्री एवं प्रधान मंत्री को भी दो दफा ज्ञापन सौपा जा चुका है। पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस धरना को कई लोगो ने संबोधित किया जिसमें लाल कला मंच के सचिव लाल बिहारी लाल ने कहा कि इसे जन आदोलन का रुप देना होगा तभी सरकार बाध्य होगी ।पहले भोजपुरी भाषी राज्य सरकारों को भी इसके लिए आगे आना होगा तभी केन्द्र सरकार पर दबाव बढ़ेगा और इसे मान्यता मिल सकेगी। चम्पारण की धरती से पधारे ड़ा गोरख प्रसाद मस्तान ने कहा कि इस भोजुपरी को जन जन की भाषा बनाना होगा तभी कुछ किया जा सकता है। वही छपरा से पधारे प्रो. प़ृथ्वी राज सिंह ने कहा कि इसे मातृभाषा बनाना होगा होगा तभी सरकार इस ओर ध्यान दे पायेगी।

इगनू भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. शत्रुध्न कुमार का कहना है कि इस भाषा को जो सम्मान दे वही वही जन प्रतिनिधि बनाया जाये तथा सरकारी उपेक्षा पर असंतोष जाहिर किया औऱ कहा की इसे विना संबैधिनक दर्जा निले इसका चहुनुखी विकास नही हो सकता । इस कार्यक्रम के संयोजक  संतोष पटेल ने अपने संबोधन मे कहा कि अभी तो ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। अब नेताओं को  उनके किए वायदों को उन्हें याद दिलाया जायेगा तथा भविष्य में वही देश पर राज करेगा जो भोजपुरी की वात करेगा। इसके अलावे गुलरेज शहजाद,असम सो मंटू पांडे ,झारखंड से राजेश भोजपुरिया,धनुरधर त्रिपाठी, राजेश माझी, रामाधार पांडे, मिथलेश सिंह, प्रमोद पुरी, बलिदानी भोजपुरीया आदि ने संबोधित किया।

इस अवसर पर जमशेदपुर से प्रकाशित भोजपुरी मासिक पत्रिका लकीर का अंक-4 (फरवरी 2016) का लाल बिहारी लाल, संतोष पटेल,डा. गोरख मस्ताना, राजेश माझी तथा पत्रिका के प्रबंध संपादक राजेश भोजपुरिया आदी द्वारा लोकार्पण किया गया।

Go Back



Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना