चरखा डेवलपमेंट कम्यूनिकेशन नेटवर्क द्वारा आयोजित, दूर दराज के क्षेत्रो से रिर्पोटिंग में कठिनाइयां विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन
दिल्ली। चरखा डेवलपमेंट कम्यूनिकेशन नेटवर्क की ओर से हर साल की तरह इस साल भी चरखा के 21वें स्थापना दिवस के पर दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर मे कार्यक्रम का आयोजन शाम 6 बजे से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत किरण अगरवाल, विजया घोष,तस्नीम अहमदी ने दीप प्रजवलित कर की। इस अवसर पर विकास के मुद्दों पर लिखने वाले लेखको की सूची की एक डायरेक्टरी का विमोचन औल इंडिया रेडियो के रिटार्यड डायेरेक्टर भास्कर घोष के हाथो किया गया। साथ ही विकास के मुद्दो को उजागर करने के लिए लेह-लद्दाख की तीन लेखिका सेरिन डोलकर,स्पैलजेज वांगमो,डेचेन चोरोल,को उनके उत्तम लेख के लिए हिन्दुस्तान बिजनेस लाईन की असोसिएट एडिटर प्रिति मेहरा ने संजय घोष रुरल रिर्पोटिंग अवार्ड देकर सम्मानित किया तथा लद्दाख की समस्याओ के प्रति अपने विचारो को भी साझा किया।
संस्थापक की पत्नी तथा वर्तमान समय मे चरखा की अध्यक्ष श्रीमती सुमिता घोष ने अतिथियो का अभिवादन किया और चरखा के उद्देशय से लोगो को परिचित कराया। हर बार से कुछ अलग करने की सोच को आगे बढ़ाते हुए चरखा के डिप्यूटी एडिटर मो. अनिस उर रहमान खान द्वारा इस बार एक पैनल डिसकशन प्रोग्राम रखा गया जिसका विषय " दुर दराज के क्षेत्रो से रिर्पोटिंग मे कठिनाइयां " थी। जिसके लिए विशेष रुप से वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को आमंत्रित किया गया था परंतु चेत्रई मे आई बाढ़ की रिपोर्टिंग पे अचानक जाने के कारण वो इस प्रोग्राम मे शामिल नही हो सके जिनकी जगह टाईम्स आफ इंडिया की सलाहकार संपादक सागरिका घोष ने संभाली । इस डिसकशन मे प्रसिद्ध पत्रकार किशलय भट्टाचार्य, सागरिका घोष तथा प्रिति मेहरा ने भाग लिया और वर्तमान समय मे मीडिया द्वारा निभाए जाने वाले कर्तव्य तथा उत्तरदायित्तव पर अपने अपने विचार एक दुसरे के साथ साझा किए ।कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती सुजाता राघवन के द्वारा की गई तथा धन्यवाद ज्ञापन चरखा के हेड औपरेशन मिस्टर मार्यो नरोना द्वारा दिया गया । कार्यक्रम मे निकहत प्रवीण,संजय मिश्रा ,धीरज कुमार,सलमान अब्दुस समद,नजमुल होदा तथा अन्य ने भी भाग लिया
(चरखा समाचार)