प्रदूषण की खबर न छापने पर भड़के ग्रामीण, विरोध में अब नहीं पढ़ेंगें "अख़बार"
मुंगेर,22 सितम्बर। आई.टी.सी. लिमिटेड (सिगरेट बनानेवाली देश की प्रमुख कंपनी) के कारण आसपास के गांवों में विद्यमान जल -प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से परेशान नया गांव के ग्रामीणों के प्रदर्शन की खबर नहीं छापने पर आज क्रोधित ग्रामीणों ने मुंगेर शहर के गुलजारपोखर मोहल्ला स्थित एक दैनिक पत्र कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और दैनिक अखबार के पक्षपातपूर्ण रवैया की भर्त्सना की। ग्रामीणों ने दैनिक के कार्यालय के समक्ष अखबार की सैकड़ों प्रतियों को सरेआम विरोध स्वरूप जला दिया। घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने घटनास्थल पहुँचकर जांच शुरू कर दिया है। कोतवाली के प्रभारी अरविन्द कुमार सिंह ने सम्पर्क साधने पर कहा कि -‘अभी वे जिलाधिकारी के समक्ष हैं,वे कुछ भी नहीं बता सकते हैं। "क्रोधित ग्रामीण नारा लगा रहे थे-- ‘‘दैनिक जागरण प्रबंधन ग्रामीणों की मांगों की उपेक्षा बन्द करे‘‘, ‘‘ दैनिक जागरण मुर्दाबाद,‘ आदि ।
ग्रामीणों ने घोषणा की है कि चूंकि दैनिक जागरण ने ग्रामीणों की जल-प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण की पीड़ा से जुड़ी खबरों को अखबार में जगह नहीं दिया, इसलिए उन्होंने भविष्य में दैनिक जागरण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। नया गांव के ग्रामीण अब से दैनिक जगारण अखबार नहीं पढ़ेंगें।
ग्रामीण शंकर चौधरी और शंकर साव ने बताया कि आई.टी.सी. कंपनी की गलत नीति के कारण आस-पास के ग्रामीण प्रदूषित जल पी रहे हैं । चापाकल का पानी हरा रंग का हो गया है। कंपनी के पाताल बोरिंग के कारण आसपास के अनेक गांवों का सभी चापाकल बेकार हो गया है । 21 सितंबर को क्रुद्ध ग्रामीणों ने आई.टी.सी. लिमिटेड के मुख्य गेट को दो घंटों तक जाम कर दिया था और जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण से ग्रामीणोंको निजात दिलाने की मांग की थीं। स्मरणीय है कि नया गांव के ग्रामीण विगत बीस वर्षों से जल-प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से जूझ रहे हैं और कंपनी का प्रबंधन केवल आश्वसान की घूंट पिलाता आ रहा है ।
मुंगेर से श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट