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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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इंडियन वर्किंग जर्नलिस्ट असोसियेशन का राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न

फतेहपुर (यू पी) । इंडियन वर्किंग जर्नलिस्ट असोसियेशन के बैनर तले आहूत दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन विभिन्न विषयों के चर्चा के बाद समाप्त हुआ । अधिवेशन में सर्वप्रथम असोसियेशन के कार्यकलाप और पत्रकारिता से जुडे लोगो के हित व अहित पर प्रकाश डाला गया । अधिवेशन में बिहार राज्य के बांका जिला के हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार के नाम जारी फरमान भी चर्चा का विषय बना और घटना का निंदा प्रस्ताव पारित किया गया । तथा एक लोकतांत्रिक देश में पद के मर्यादा के विपरीत जाकर किये गये फरमान को स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप बताया । सनद रहे कि अधिवेशन के दौरान निर्णय लिया गया कि पीडित पत्रकार इंडियन वर्किंग जर्नलिस्ट असोसियेशन से संपर्क कर सहयोग की अपेक्षा करता है तो असोसियेशन पीडित पत्रकार के खिलाफ पदाधिकारी द्वारा जारी किये गये तुगलकी फरमान को न्यायालय के दरवाजे  तक ला सकती है और तुगलकी फरमान जारी करनेवाले पदाधिकारी को स्वतंत्रता के अपमान में सजा दिलवा सकती है । बहरहाल जो भी हो ! भारतीय दंड विधान 153 ''ख'' के तहत स्वतंत्र भारत में कोई भी व्यक्ति के स्वतंत्रता में हस्तक्षेप दण्डनीय है । ऐसे में बांका जिला के डी एम ने स्वतंत्र भारत के कलम के सिपाही यानि पत्रकार की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का फरमान जारी कर भा द वि 154 ''ख''  को चुनौती दे डाला है । अब देखना है कि स्वतंत्र भारत में सरकारी कुर्सी में बैठे पदाधिकारी को स्वतंत्रता की रस्में कैसे याद आती है । न्याय व्यवस्था के डंडे से या फिर जनाक्रोश से ।

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना