Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

आईआईएमसी में किया गया मेघा परमार और किट्टू का स्वागत

ट्रांसजेंडर किट्टू को माउंट एवरेस्ट के लिए तैयार कर रही हैं मेघा

नई दिल्ली। माउंट एवरेस्ट विजेता एवं मध्य प्रदेश सरकार के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एंबेसडर मेघा परमार का बुधवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) की और से स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उनके साथ वर्जिन पीक तक पहुंचने वाली भारत की पहली ट्रांसजेंडर किट्टू और माउंटेनियर शोभित शर्मा भी मौजूद थे। कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरीपाड एवं अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा ने भी हिस्सा लिया।

इस मौके पर मेघा परमार ने कहा कि किट्टू ने पिछले वर्ष 2 अक्टूबर को 6000 मीटर की ऊंचाई वाले वर्जिन पीक शिखर को फतह किया था। अब वे माउंट एवरेस्ट के लिए किट्टू को तैयार कर रही हैं। अगर किट्टू माउंट एवरेस्ट फतह कर लेती हैं, तो ऐसा करने वाली वो विश्व की पहली ट्रांसजेंडर होंगी। मेघा ने कहा कि किट्टू ने वर्जिन पीक के शिखर पर पहुंचने के बाद नर-नारी के समान ही किन्नर समुदाय को भी सम्मान मिले, इसलिए "नर-नारी और किन्नर एक समान" का नारा लगाया था।

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मेघा और किट्टू से हमें यह सीखना चाहिए कि कैसे जीवन में किसी एक लक्ष्य को निर्धारित कर उसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकलकर माउंट एवरेस्ट विजेता बनने की मेघा की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। इस अवसर पर प्रो. द्विवेदी ने किट्टू को माउंट एवरेस्ट फतह करने के उनके अभियान के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

कार्यक्रम में प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. संगीता प्रणवेंद्र, प्रो. शाश्वती गोस्वामी, प्रो. राजेश कुमार  सहित समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने भाग लिया। इससे पहले मेघा परमार, किट्टू एवं शोभित शर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और पर्वतारोहण से जुड़े अपने अनुभव और भविष्य की योजनाओं पर उनके साथ चर्चा की।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना