शरद खरे (साईं)/ लगभग एक दशक से सोशल मीडिया का जादू लोगों के सिर चढकर बोल रहा है। सबसे पहले आरकुट के जरिये लोग संवादों का आदान-प्रदान करते थे। उस दौर में मोबाईल पर एसएमएस ही विकल्प हुआ करता था। मोबाईल पर सोशल मीडिया ने दस्तक नहीं दी थी।
मोबाईल पर जबसे इंटरनेट की सुविधा आरंभ हुई है उसके बाद तो मानो क्रांति ही आ गयी है। लोगों का अधिकांश समय मोबाईल पर संदेश देखने, आदान-प्रदान करने में ही गुजर रहा है। अब तो यूँ लगने लगा है कि आज का युवा मानो इंटरनेट सेवा प्रदाता और सोशल मीडिया के मंच की नौकरी कर रहा हो।
सोशल मीडिया पर जबसे व्हाट्सएप्प आया है उसके बाद से दुनिया ही बदल गयी है। सेकेन्ड्स में ही आप अपनी बात हजारों लोगों तक पहुँचा सकते हैं। लोग अपने विचारों, सूचनाओं आदि का जमकर आदान-प्रदान करते दिखते हैं। सोशल मीडिया के आने से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया की असलियत भी लोगों के सामने आने लगी है।
सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलू हैं तो इसके नकारात्मक पहलू भी देखने को मिलते रहे हैं। सोशल मीडिया पर अनेक समूहों में गंदगी और अश्लीलता भी पसरी दिखती है। इनमें से अधिकांश समूह वे होते हैं जिनमें समूह के सदस्यों को इस अश्लीलता से ज्यादा अंतर नहीं पड़ता है।
तकलीफ तो तब होती है जब सभ्य समाज के लोगों के बीच कोई अश्लील संदेश को परोस दे। याद पड़ता है कि लखनादौन के नगर निरीक्षक रहे डी.एस. ठाकुर (वर्तमान एसडीओपी लखनादौन) के द्वारा व्हाट्सएप्प के एक समूह में एक अश्लील संदेश पोस्ट किया गया था। इस समूह में शामिल जबलपुर की किसी महिला के द्वारा इसकी शिकायत भी की गयी थी, पर इस मामले में क्या हुआ इस बारे में शायद ही कोई जानता हो।
इसी तरह केवलारी के विधायक रजनीश हरवंश सिंह के द्वारा भी सोशल मीडिया व्हाट्स एप पर बने एक समूह में अश्लील पोस्ट डाली गयी थी। इस पोस्ट के संबंध में शिकायत भी हुई। रजनीश हरवंश सिंह के द्वारा भी अपना मोबाईल चोरी होने की बात कही गयी थी। यक्ष प्रश्न यही है कि जो पोस्ट डाली गयी थी वह पोस्ट उनके मोबाईल पर कब डाऊनलोड की गयी थी, इस बात की पतासाजी किसी ने नहीं की। आज भी इस मामले में क्या हुआ शायद ही कोई जानता हो।
हाँ, एक मामले में कार्यवाही अवश्य हुई है। घंसौर के एक शिक्षक के द्वारा मकर संक्राति के अवसर पर एक अश्लील पोस्ट व्हाट्सएप्प के एक समूह में डाली गयी। इस मामले में संबंधित शिक्षक को निलंबित किया गया है। जिस तरह से फौरी तौर पर इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है उसी तर्ज पर पूर्व में डी.एस. ठाकुर एवं रजनीश हरवंश सिंह के द्वारा डाली गयी पोस्ट पर भी कार्यवाही किये जाने की आवश्कता है।
आज इस बात की जरूरत भी महसूस की जाने लगी है कि सोशल मीडिया व्हाट्सएप्प आदि पर अश्लील सामग्री न परोसी जाये इस हेतु कुछ प्रयास किये जायें। इसके लिये सांसद-विधायकों को चाहिये कि वे उपर्युक्त मंच पर आवाज बुलंद करें ताकि सरकारों के द्वारा इस हेतु कुछ ठोस प्रयास किये जायें जिससे समाज को अश्लीलता से बचाया जा सके।