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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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न्यूज चैनल वालों, कानून को अपना काम करने दो...

 हर न्यूज चैनल की एक, दो नहीं बल्कि दर्जनों काली कहानियां हैं... अगर वाकई पत्रकारिता करते हो तो पहले अपनी कहानियां खुद के चैनलों पर चलाने की हिम्मत दिखाओ,

यशवंत सिंह / न्यूज चैनल वालों, कानून को अपना काम करने दो.. तरुण तेजपाल के बहाने 'तहलका' का मीडिया ट्रायल मत करो.. 'तहलका' की पत्रकारिता का अगर दस फीसदी भी अपने यहां उतार लिया तो समझो मीडिया व जनता का बहुत बड़ा उपकार कर दिया... सबके कारनामें सब जानते हैं... हर न्यूज चैनल की एक, दो नहीं बल्कि दर्जनों काली कहानियां हैं...

अगर वाकई पत्रकारिता करते हो तो पहले अपनी कहानियां खुद के चैनलों पर चलाने की हिम्मत दिखाओ, फिर 'तहलका' पर गोले दागे... तरुण तेजपाल ने गलत किया है, वे जेल जाएंगे, कानून अपना काम करेगा... यह सही है.. पर तरुण के बहाने तुम लोग 'तहलका' को बर्बाद करने की जो मुहिम चला रहे हो इससे सिर्फ तुम लोगों का भय और तुम लोगों का छिछोरापन-हलकापन ही सामने आता है...

पैसे लेकर बड़े नेताओं के लाइव चलाने वालो, कारपोरेट घरानों को शेयर बेचने वाले, मंत्रियों-नौकरशाहों की लाबिंग करने वाले, खबर रोकने के लिए पैसे मांगने वाले, करप्ट नेताओं के ब्लैकमनी से चलने वाले चैनल पर नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले प्रबंधक किस्म के संपादकों की हकीकत किसी से छुपी नहीं हैं... ध्यान रखना, अपनी ताकत का चरम दुरुपयोग होगा 'तहलका' ब्रांड को बदनाम, नष्ट करने की मुहिम चलाना.. हिम्मत हो तो तुम सब 'तहलका' की तरह खुलासे, स्टिंग, पत्रकारिता करके दिखाओ... पर पता है, तुम लोगों के मालिकों ने तुम लोगों की चोटी अपने जांघों के बीच बांध रखी है, इसलिए हिलडुल नहीं सकते हो... रोबोट की तरह बकर बकर करते रहोगे, थूक फेकते हुए.. कम से कम इतना तो लाज रखो कि अपराध जब किसी एक का हो तो बर्बाद पूरे संस्थान-ब्रांड को नहीं करते...

ध्यान रखना.. तुम लोगों की 'तहलका' के खिलाफ कुत्सित मुहिम से एक बड़ा फायदा भी होने वाला है... तुम लोगों की सच्चाई भी अब तहलका की ही तरह किसी अन्य जगह पर आने लगेगी क्योंकि जब तुम लोग छल से शिकार करोगे तो कोई तुम लोगों से आमने-सामने भी लड़ने आ जाएगा... दुनिया का दस्तूर यही है.. इसलिए तरुण तेजपाल के अपराध पर बातें करो.... 'तहलका' की पत्रकारिता पर न बोलो क्योंकि तुम्हें खुद पता है कि तहलका जैसा ब्रांड शुरू करना, बढ़ाना और फैलाना पहाड़ जैसा काम है, जिसे तुम जैसे बौने, सेलरीशुदा लोग नहीं कर सकते...

यशवंत सिंह वरिष्ठ पत्रकार और भड़ास 4 मीडिया के सीईओ है 

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सम्पादक

डॉ. लीना