शिशिर सोनी/ तीन दिनों के भीतर सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर के मर्डर का आरोप है। मुकेश की कुल्हाड़ी से काट कर सिहरा देने वाली हत्या कर दी गई थी। तीन आरोपी पहले गिरफ्तारी के गिरफ़्त में हैं। चौथा और मुख्य आरोपी सुरेश भागा हुआ था। आज अहले सुबह धरा गया। मुकेश की हत्या को गंभीरता से लेते हुए खुद सीएम विष्णुदेव साय ने स्थानीय पुलिस को सख्त निदेश दिये थे। सोशल मीडिया के माध्यम से वे स्वयं अपडेट भी देते रहे।
बस्तर के दुरूह क्षेत्र में पत्रकारिता का झंडा बुलंद रखने वाले युवा साथी मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या की गई। उनके शव को निर्दयता से सेफ्टिक टैंक में डाल कर पक्की ढलाई कर दी गई। हत्यारे इस बात से मुतमइन थे कि उनका कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता। उस क्षेत्र में शासन प्रशासन का इकबाल जीरो बटा सन्नाटा होता है। नक्सलियों के बहाने सफेदपोश, माफिया, खाकी सब करोड़ो कूट रहे हैं। सरकार छत्तीसगढ़ में किसी की हो शगल यही रहा है। नहीं तो 52 करोड़ का ठेका 120 करोड़ का हो जाए, कोई जवाबदारी तय न हो और जब एक पत्रकार जवाब मांगे अपनी खबरों से तो उसको खामोश कर दिया जाए। ताकि बाकी सब दहशत में रहें।
ऐसा हुआ नहीं। बस्तर के पत्रकारों में खाये, अघाये शहरी पत्रकारों से अधिक एकता है। पत्रकारों ने ही मिलकर शासन पर दबाव बनाया। उसका असर हुआ। सीएम साय ने खुद संज्ञान लिया। मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को समय सीमा के अंदर गिरफ्तार करने में पुलिस ने रुचि दिखाई। सफलता मिली। अब इस केस को कोर्ट में अंजाम तक पहुंचाना भी राज्य सरकार की जिमेदारी है।
मुकेश की आत्मा की शांति के लिए हत्यारों को परमात्मा के पास भेजा जाए, वहीं न्याय होगा।