शोध पत्रिका ‘समागम’ ने वर्ष 2000 में जो यात्रा आरंभ की थी, वह सफलतापूर्वक जारी है. जनवरी 2016 में ‘समागम’ का यह अंक विशेष संदर्भ के साथ प्रकाशित किया गया है. 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है और इसी तारीख पर दादा माखनलाल चतुर्वेदी की भी. संभवत: एक तारीख …
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'हिन्दी चेतना' का अक्टूबर-दिसम्बर अंक उपलब्ध
कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का अक्टूबर-दिसम्बर 2015 अंक (वर्ष : 17, अंक : 68) अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- सम्पादकीय ( श्यामत्रिपाठी), उद्गार, कहानियाँ : चाहत की आहट ( पुष्पा सक्सेना ), बस, अब बहुत हुआ ! (मंजुश्री ), चायना बैंक (रामगोपाल भा…
'हिन्दी चेतना' का जुलाई-सितम्बर अंक इंटरनेट पर उपलब्ध
कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का जुलाई-सितम्बर 2015 अंक (वर्ष : 17, अंक : 67) अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। सम्पादकीय, उद्गार, साक्षात्कार: प्रताप सहगल: प्रेम जनमेजय। कहानियाँ: प्रश्न-कुंडली: गीताश्री, काँच की दीवार: नीलम मलकानिया, केस नम्बर पाँच सौ सोलह: माधव नागदा…
हिन्दी चेतना' का जनवरी-मार्च 2015 अंक
कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का जनवरी-मार्च 2015 अंक अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस अंक में शामिल हैं मृदुला गर्ग, नीना पॉल, कंचन सिंह चौहान, सरस दरबारी, अनिल प्रभा कुमार की कहानियाँ। सुशील सिद्धार्थ, साक्षात्कार, डॉ.अफ़रोज़ ताज की कहानी भीतर कहानी। पारस दासोत , डॉ. …
‘समागम’ का जनवरी अंक महात्मा गांधी पर
शोध पत्रिका के 14 वर्ष पूरे
भोपाल। शोध पत्रिका ‘समागम’ जनवरी 2015 में अपने प्रकाशन का 14 वर्ष पूरे करने जा रही है। वर्ष 2014 का अंक एक गांधी के महात्मा हो जाने विषय पर केन्द्रित है।…
शोध पत्रिका समागम का लता मंगेशकर पर अंक जारी
अगला अंक महात्मा गांधी पर
भोपाल। देश की धडक़न एवं मध्यप्रदेश का गौरव लता मंगेशकर सही अर्थों में हिन्दी का महागान है। लगभग 85 वर्ष आयु में आते आते तक वे हिन्दी में गीत गाकर जिस तरह हिन्दी को जनमानस में प्रतिष्ठित किया हैए स्थापित किया है वह अद्वित…
समागम का अगस्त अंक जारी
जनक्रांति 2014 - व्हाया सोशल मीडिया पर केन्द्रित है अंक
शोध पत्रिका समागम के अगस्त अंक का केंद्रीय विषय जनक्रांति 2014 व्हाया सोशल मीडिया है। भारत में पहली क्रांति से हमें आज़ादी मिली। इसके बाद आपतकाल के बाद एक क्रांति…
शोध पत्रिका "समागम" का नया अंक प्रेमचंद पर
भोपाल। द्विभाषी मासिक शोध पत्रिका समागम का हर अंक विषय-विशेष पर केन्द्रित रहा है। माह जुलाई-2014 का अंक अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद पर केन्द्रित है।…
'हिन्दी चेतना' का जुलाई-सितम्बर 2014 अंक अब उपलब्ध
कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' काजुलाई-सितम्बर 2014 अंक अब उपलब्ध है। इसमें हैं डॉ. मारिया नेज्येशी कासाक्षात्कार, रीता कश्यप, रजनी गुप्त, आस्था नवल, नीरा त्यागीकी कहानियाँ, कहानी भीतर कहानी- सुशील सिद्धार्थ, विश्व के आँचल से- साधना अग्रवाल, पहलौठीकिरण में शैली…
इस्लामिक मैगज़ीन (हिन्दी) सदा-ए-इस्लाम का विमोचन
गाजीपुर ( उ0प्र0)। सिद्दीक़ लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित इस्लामिक मैगज़ीन (हिन्दी) सदा-ए-इस्लाम का ‘सीरतुन्नबी नम्बर’ का विमोचन मंगलवार को शाही मस्जिद फतहपुर सिकन्दर, रेलवे स्टेशन सिटी गाजीपुर में हजरत मौलाना मुख़्तार अहमद कासमी के हाथों हुआ। प्रोग्राम की शुरूआत हजरत मौलाना फजलुल ब…
हिन्दी चेतना का अप्रैल-जून अंक प्रकाशित
कैनेडा/ कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का अप्रैल-जून 2014 अंक अब उपलब्ध है। इस बार के अंक में डॉ. कविता वाचक्नवी का साक्षात्कार, मनमोहन गुप्ता मोनी, प्रतिभा सक्सेना, जय वर्मा, ब्रजेश राजपूत, प्रो.शाहिदा शाहीन की कहानियाँ, कहानी भीतर कहानी- सुशील सिद…
‘शब्दिता’: अपनी माटी की संवदेनाओं की संवाहिका
कौशल किशोर / लघु पत्रिकाओं का साहित्य के विकास में बड़ा योगदान रहा है। जहां ये पत्रिकाएं अद्यतन साहित्य को पाठकों तक पहुचाती हैं, वहीं ये नई प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान करती हैं। बड़े तथा ख्याति प्राप्त साहित्यकारों की साहित्य यात्रा का आरम्भ भी इन्हीं पत्रिकाओं के माध्यम से हुआ है।…
पत्रिका ‘समागम’ 14वें वर्ष में
समाज, संचार एवं सिनेमा पर केन्द्रित अंक जारी
भोपाल। सिनेमा एवं मीडिया पर केन्द्रित भोपाल से प्रकाशित मासिक शोध पत्रिका समागम अपने निरंतर प्रकाशन के 13 वर्ष पूर्ण कर 14वें वर्ष में प्रवेश कर गयी है। शोध पत्रिका समागम…
शोध पत्रिका समागम 14वें वर्ष में
मनोज कुमार। तेरह वर्ष पूर्व जब हमने भोपाल से एक अनाम सी मीडिया एवं सिनेमा पर केन्द्रित द्विभाषी मासिक पत्रिका समागम का प्रकाशन आरंभ किया था तब इसकी निरंतरता को लेकर मन में संदेह था लेकिन संकल्प था कि कोशिश होगी कि प्रकाशन निरंतर बना रहे. हम अपने संकल्प पर कायम रहे तो आपके सहयोग, स्…
युवाओं पर केंद्रित नई पत्रिका “चेंज 4 यू”
‘चेंज 4 यू’ बिहार के बदलते मिजाज को फोकस करता मंथली यूथ बेस्ड मैगजीन है. यह आज के युवाओं पर केन्द्रित है। नए ज़माने के साथ यहाँ के लोगों के बदलते और बुनते हुए नए सपनों, पुरानी परम्पराओं और आने वाले कल की बेहतरी के लिए एक नयी लकीर खींचने की छोटी सी कोशिश है – चेंज 4 यू. …
'हिन्दी चेतना' का जनवरी-मार्च 2014 अंक उपलब्ध
अब यह भारत में भी प्रकाशित
संरक्षक एवं प्रमुख सम्पादक श्याम त्रिपाठी, तथा सम्पादक डॉ. सुधा ओम ढींगरा के सम्पादन में कैनेडा से प्रकाशित हिन्दी प्रचारणी सभा की त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का जनवरी-मार्च 2014 अंक अब उपलब्ध है।…
‘रेवान्त’ का जुलाई-दिसम्बर 2013 अंक प्रकाशित
लखनऊ। ‘रेवान्त’ का जुलाई-दिसम्बर 2013 अंक प्रकाशित होगया है । इस नये अंक में आप पढ़ सकते हैं, संपादकीय के तहत शोक को शक्ति में बदलना है तय करो, किस ओर हो तुम ? धरोहर में प्रेमचंद का 1930 में प्रकाशित ‘हंस’ के पहले अंक का संपादकीय ‘हंस-वाणी’ और राजेन्द्र यादव का 1986 में ‘हंस’ के पुर्नप्र…
बदलाव के बाईस बरस पर मीडिया विमर्श का दूसरा अंक
मीडिया विमर्श अपने दिसंबर -2013 के अंक के साथ आठवें साल में प्रवेश कर रही है। एक वैचारिक त्रैमासिक के रूप में मीडिया प्राध्यापकों,छात्रों और मीडिया प्रोफेशनल्स के बीच पत्रिका की एक खास पहचान बन चुकी है। पत्रिका का यह अंक भी भूमंडलीकरण के प्रभावों का आकलन कर रहा है। इस अंक थीम है - 'बदलाव के बाईस बरस…
नई सदी की हिन्दी कहानी पर केन्द्रित हिन्दी चेतना का विशेषांक
हिन्दी प्रचारिणी सभा कैनेडा की त्रैमासिक पत्रिका के अक्टूबर-दिसंबर 2013 अंक के अतिथि सम्पादक हैं पंकज सुबीर
पिछले 13 वर्ष…
चौरी चौरा विद्रोह पर "आजकल" का अक्टूबर अंक
लीना / साहित्य जगत की चर्चित मासिक पत्रिका ‘‘आजकल’’ का अक्टूबर 2013 का अंक चर्चे में है। “चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता संग्राम’’ पर सुभाष चन्द्र कुशवाहा का आलेख जहाँ इतिहास की ओर ले जाता है वहीं अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीयों के विद्राही तेवर को रेखांकित करता है। इस अंक में दिनेश चन्द्…
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- ‘मीडिया की नैतिकता, जवाबदेही और स्व-मूल्यांकन’ पर मंथन
- मीडिया कार्यशाला में विकसित भारत @2047 और वेव्स पर चर्चा
- पत्रकारिता के अजातशत्रु हैं अच्युतानंद मिश्र
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- स्पीकर ने मीडिया से सकारात्मक सहयोग की अपील की
- प्रसार भारती का अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म “वेव्स” शुरू
- लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका अहम है: महेश्वर हजारी
- राष्ट्रीय प्रेस दिवस मना
- मूल्यबोध है हिंदी पत्रकारिता का दार्शनिक आधार : प्रो.संजय द्विवेदी
- सरदार पटेल ने आजाद भारत में आजाद मीडिया की रखी थी नींव
- डा. मुरुगन ने भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता में 'मीडिया विमर्श' के योगदान को सराहा
- पत्रकारों की नई पीढ़ी उभरी
- औरंगाबाद में पत्रकारिता का इतिहास
- विस्मयकारी है संजय द्विवेदी की सृजन सक्रियता: प्रो.चौबे
- पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का दस्तावेज है – ‘...लोगों का काम है कहना’
- 'मीडिया गुरु सम्मान' से अलंकृत हुए प्रो. द्विवेदी
- दो दिवसीय युवा उत्सव सम्पन्न
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Anurag yadavJanuary 11, 2024
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सुरेश जगन्नाथ पाटीलSeptember 16, 2023
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Dr kishre kumar singhAugust 20, 2023
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Manjeet SinghJune 23, 2023
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AnonymousJune 6, 2023
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AnonymousApril 5, 2023
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AnonymousMarch 20, 2023
सम्पादक
डॉ. लीना