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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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शोध पत्रिका समागम 14वें वर्ष में

मनोज कुमार। तेरह वर्ष पूर्व जब हमने भोपाल से एक अनाम सी मीडिया एवं सिनेमा पर केन्द्रित द्विभाषी मासिक पत्रिका समागम का प्रकाशन आरंभ किया था तब इसकी निरंतरता को लेकर मन में संदेह था लेकिन संकल्प था कि कोशिश होगी कि प्रकाशन निरंतर बना रहे. हम अपने संकल्प पर कायम रहे तो आपके सहयोग, स्नेह और प्रोत्साहन से. फरवरी 2014 में शोध पत्रिका समागम अपने प्रकाशन के 14वें वर्ष के पहले अंक का प्रकाशन करने जा रही है.

अल्प समय में समागम को शोध पत्रिका का दर्जा भी मिल गया. सब कुछ हमारे लिये अविश्वसनीय था लेकिन आप सभी के सहयोग ने इसे विश्वसनीय बना दिया. शोध पत्रिका समागम को जरूरत थी अपने अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों की जिनके साथ चलकर गंभीर कार्य किया जा सके तो कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सच्चिदानंद जोशी, वरिष्ठ पत्रकार द्वय श्री गिरिजाशंकर, श्री जगदीश उपासने, डॉ. सुधीर गव्हाणे प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर विश्वविद्यालय औरंगाबाद, डॉ. श्रीकांत सिंह, श्री पुष्पेन्द्र पाल सिंह, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉ. सोनाली नरगुंदे सहायक प्राध्यापक पत्रकारिता विभाग देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर ने अपनी सहमति देकर सक्रिय सहयोग किया. हम तहेदिल से इन सबके आभारी हैं. हम आभारी हैं जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश शासन के जिन्होंने शोध पत्रिका समागम को न केवल आर्थिक संबल दिया अपितु प्रकाशन का सराहा भी. इस अवसर पर वयोवृद्व राजनेता एवं देश के प्रख्यात कवि श्री बालकवि बैरागी जी का हम विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने समय समय पर दूरभाष पर चर्चा कर हमारे प्रयासों सराहना की तथा हस्तलिखित पत्र प्रेषित कर हमें साहस दिया. याद कर मन प्रसन्न हो जाता है जब देश की प्रमुख हिन्दी पत्रिका इंडिया टुडे ने विस्तार से शोध पत्रिका समागम के बारे में अपनी टिप्पणी प्रकाशित की. इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन की मासिक पत्रिका पंचायिका, साप्ताहिक पत्रिका शुक्रवार आदि ने समय-समय पर शोध पत्रिका समागम को स्थान दिया. इनका भी आभार.

शोध पत्रिका समागम के 14वें वर्ष का पहला अंक मीडिया के सामाजिक उत्तरदायित्व पर केन्द्रित है. मन तो था कि इस अवसर पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के आयोजन का किन्तु स्थितियों ने ऐसा नहीं होने दिया. अनेक लोगों ने अपनी रूचि जाहिर की और सहयोग किया, उन सबके प्रति आभार. मीडिया के सामाजिक उत्तरदायित्व पर केन्द्रित एक पुस्तक का प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें उत्कृष्ट शोध पत्रों का प्रकाशन किया जा रहा है. अस्तु, बातें और यादें अनंत है. एक बार फिर शोध पत्रिका समागम के साथ चलने, जुडऩे, सहयोग करने और स्नेह बनाये रखने के लिये धन्यवाद, शुक्रिया और थैंक्स.

मनोज कुमार शोध पत्रिका समागम के सम्पादक हैं।

सम्पर्क : 3, जूनियर एमआयजी, द्वितीय तल, अंकुर कॉलोनी, शिवाजी नगर, भोपाल-16

मो. 09300469918


 

 

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सम्पादक

डॉ. लीना