नयी दिल्ली/ इंटरनेट की बढ़ती पैठ और इसके विभिन्न सेवाओं के लिए बढते उपयोग के बीच 63 फीसदी भारतीय साइबर खतरे के शिकार होते हैं और महिलाओं की तुलना में पुरूष इस तरह के खतरे का अधिक शिकार होते हैं।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस के मौके पर दुनिया की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसाॅफ्ट ने डिजिटल सिविलिटी इंडेक्स के जरिए 14 देशों में किए गए सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 63 प्रतिशत भारतीयों ने ऑनलाइन खतरे का सामना किया है। 44 प्रतिशत भारतीय ऐसे थे जो पिछले ही महीने ऑनलाइन खतरे से दो चार हुये हैं।
इसमें शामिल लोगों में से 69 प्रतिशत भारतीयों ने ऑनलाइन खतरे के प्रति चिंता व्यक्त की। असभ्य बर्ताव से निपटने के प्रति युवा ज्यादा आश्वस्त देखे गये हैं और जरूरत पड़ने पर कहां से मदद लेनी है इस बारे में भी उन्हें जानकारी है। हालांकि 50 प्रतिशत युवाओं और 35 प्रतिशत व्यस्कों को ही यह मालूम है कि मदद कहां से मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि इंटरनेट उपयोग करने वाले 64 फीसदी भारतीय पुरुष साइबर हमले के शिकार होते हैं जबकि 61 फीसदी महिलायें भी इससे बच नहीं पाती हैं। ऑनलाइन खतरे से सामना होने के बाद 61 प्रतिशत महिलाओं ने प्राइवेसी कंट्रोल कड़ा कर लिया जबकि पुरुष इस मामले में भी लापरवाह दिखे और मात्र 50 प्रतिशत ने ही इससे बचने के उपाय किये।