Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

'स्वामित्व ही संदेश है'

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने कहा मालिकों द्वारा तय किए गए विचार ही मीडिया में दिखाई देते हैं

भोपाल। प्रख्यात जनसंचार शास्त्री मार्शल मेक्लुहान का कथन है कि 'माध्यम ही संदेश है'। वर्तमान भारतीय मीडिया की स्थिति को देखकर आज यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि 'स्वामित्व ही संदेश है'। आज समाचारपत्र, टेलीविजन एवं अन्य मीडिया संस्थानों के मालिकों द्वारा तय किए गए विचार ही मीडिया में दिखाई देते हैं। यह विचार आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार  मुकेश कुमार ने व्यक्त किए।

आज विश्वविद्यालय परिसर में  मुकेश कुमार की नई पुस्तक 'टी.आर.पी: टी.वी. न्यूज और बाजार' पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस प्रसंग पर बोलते हुए श्री मुकेश कुमार ने कहा कि टी.आर.पी. की वास्तविकता एवं टी.आर.पी. पर भारतीय मीडिया जगत का विचार जानने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का सर्वेक्षण किया गया। तमाम कमियों एवं आलोचनाओं के बावजूद टी.आर.पी. के आकड़ों से ही आज भारतीय टेलीविजन मीडिया संचालित हो रहा है। एक ओर मीडिया संस्थाओं को मीडिया मालिकों के हितों को ध्यान में रखना है वहीं दूसरी ओर टी.आर.पी. के आकड़ों के अनुसार अपनी विषय सामग्री बनानी है। ऐसे दौर में टेलीविजन मीडिया में दर्शक हाशिए पर जा रहा है। लोग अपने-अपने हिसाब से टी.आर.पी. का उपयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया के संचालन के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है और यह बाजार से प्राप्त होती है। इसीलिए आज की मीडिया को बाजार संचालित करता है। टी.आर.पी. हमें सिर्फ यह नहीं बताता की कौन-सा चैनल, कौन-सा कार्यक्रम नंबर वन है, बल्कि वह एक मार्केट पर्शेप्सन भी देता है। आज संपूर्ण टेलीविजन जगत में समाचार चैनलों का केवल 7 प्रतिशत शेयर है और इसमें भी अंग्रेजी न्यूज चैनल का केवल 0.3 प्रतिशत शेयर है।

इस परिचर्चा में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी सहभगिता की। विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग एवं संचार शोध के विद्यार्थियों ने परिचर्चा में हिस्सा लिया। परिचर्चा में ए.बी.पी. न्यूज के ब्यूरो चीफ वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत भी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, संचार शोध विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा एवं अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

रिपोर्ट : (डॉ. पवित्र श्रीवास्तव),निदेशक, जनसंपर्क प्रकोष्ठ

 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना