Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

हटाए गए लोकमत के कर्मियों के साथ आए कर्मचारी, आटो-रिक्शा चालक और हॉकर्स संगठन

18 संगठनों ने बैठक कर सभी 61 कर्मियों को वापस लेने की माँग की, बैठक में नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ रहा अनुपस्थित

नागपुर/ ऐसा अक्सर नहीं होता. जब भी कोई शोषण, अन्याय और अत्याचार का शिकार होता है तो मीडिया अक्सर उसके पक्ष में दौड़ा चला आता है. फिर चाहे वह मुद्रित मीडिया हो या दृष्य-श्रव्य. लेकिन जब बात अखबारों या चैनल के कर्मचारियों पर होने वाले अन्याय-अत्याचार की आती है तो यह खबर नहीं बनती. इसलिए खबर कहीं छपती भी नहीं. साफ है, अखबार और चैनलों के मालिक या तो पूंजीपति हैं या पूंजीपति नेता अथवा कार्पोरेट घराने. फिर कैसे छपेगी खबरें. नागपुर में पूंजीपति नेता के अखबार समूह लोकमत से पिछले महीने हटाए गए 10 पत्रकारों सहित 61 कर्मचारियों के साथ भी यही हुआ और उनकी खबर भी कहीं नहीं छपी. किसी चैनल का हिस्सा नहीं बनी. कुछ साइटों ने जरूर इस खबर को तवज्जो दी. इतना ही नहीं, लोकमत प्रबंधन की इस कार्रवाई से शहर के मीडिया जगत को भी कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसे में बीड़ा उठाया केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी संगठनों, आटो चालकों, रिक्शा चालकों और हॉकर्स संगठनों ने.

करीब 18 संगठनों ने बैठक की और आंदोलन की रूपरेखा तय की. मांग सिर्फ एक-सभी 61 कर्मियों को वापस लिया जाए, बिना शर्त. इस बैठक में नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ उपस्थित नहीं था. टिलक पत्रकार भवन व्यवस्थापक मंडल ट्रस्ट भी बैठक से दूर रहा, जबकि बैठक पत्रकार संघ के सभागृह में ही हुई. ऐसे में पत्रकारों और गैर-पत्रकारों की सुनवाई कहां हो, उनकी लड़ाई कौन लड़े?

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना