‘विधान सभा चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका’ पर कार्यशाला का आयोजन
पटना । सामाजिक संस्था ‘आह्वान’ ने रविवार को पटना के गांधी संग्रहालय में ‘विधान सभा चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका’ पर कार्यशाला का आयोजन किया । इसमें लोगों की उपस्थिति अपेक्षित नहीं थी। लेकिन इसका निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहा। अपने संबोधन में एक वक्ता ने बड़ी सफाई से कहा कि सोशल मीडिया आदमी को काहिल बना देता है। उनकी बात को सिरे से नहीं नकारा जा सकता है। हालांकि एक दूसरे वक्ता ने कहा कि सोशल मीडिया साधन है, संवेदना नहीं।
इस कार्यशाला की शुरुआत में आह्वान के महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि ‘लाठीमार बहस विद वीरेंद्र यादव’ की दूसरी कड़ी में इस कार्यशाला का आयोजन किया है। इसका मकसद सोशल मीडिया को लेकर जागरूकता बढ़ाने के साथ तकनीकी की जानकारी देना भी है। कार्यशाला में प्रो राम अशीष सिंह, इशार्दुल हक, प्रो रामायण प्रसाद, संतोष यादव, महेंद्र यादव, मनीष रंजन, चौधरी मायावती, चितरंजन प्रसाद, आलोक कुमार, एमके मधु, सत्यनारायण मदन, रविंद्र कुमार सिन्हा, रामचंद्र सिंह, दुर्गेश यादव, उदय प्रताप, सुरेश कुमार आदि ने सोशल मीडिया की तकनीकी, चुनौती और संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के आयोजक के रूप में हमने महसूस किया कि इसमें तकनीकी पक्ष को अधिक फोकस किया जाना चाहिए था। लेकिन हमारे पास तकनीकी जानकार लोगों का अभाव था। इसके साथ इसे प्रोफेशनल ढंग से किया जाए तो अधिक उपयोगी साबित हो सकता है। इस अनुभव के आधार पर आगे के कार्यक्रमों में इसकी व्यापकता पर अधिक फोकस करने की कोशिश करेंगे। इस आयोजन ने तकनीकी के साथ एक विजन भी दिया है, जिसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा। अंत में, कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों का हम आभार व्यंक्त करते हैं।