Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

सफल पत्रकार बनने के लिए बहुआयामी होना जरुरी: ब्रजेश कुमार सिंह

देशहित की पत्रकारिता सर्वोपरी: सईद अंसारी

नोएडा / माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, नोएडा परिसर में आयोजित “प्रतिभा उत्सव 2018” के उदघाटन सत्र में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए “जी हिंदुस्तान’ के संपादक श्री ब्रजेश सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के छात्रों को अपने व्यक्तित्व विकास के लिए बहुआयामी होना चाहिए, जबकि आजकल गूगल हिंदी टाइपिंग वाले छात्र ज्यादा आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश-विदेश में हो रही हर घटना से रूबरू होना चाहिए। श्री ब्रजेश ने कहा कि जो ज्ञान किताबों से मिलेगा वो गूगल पर नहीं मिल सकता अध्ययन का अभ्यास अभी से करें साथ ही अखबार पूरा और एक से अधिक पढ़े साथ ही अपनी अभिरुचि में दक्ष बने फिर सफलता दूर नहीं।

देशहित की पत्रकारिता सर्वोपरी: सईद अंसारी

उक्त आयोजन में आजतक के वरिष्ठ एंकर श्री सईद अंसारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बिना मिशन की पत्रकारिता करना समाज हित में नहीं उन्होंने कहा कि पत्रकार को किसी दुर्भावना के साथ पत्रकारिता नहीं बल्कि देशहित में करनी चाहिए। एक पत्रकार को समाज से जुड़ी हर छोटी बड़ी खबर की जानकारी रखनी चाहिए| श्री अंसारी ने छात्रों को बताया कि सफल पत्रकार बनने के लिए हर क्षेत्र में पारंगत होना आवश्यक है, इसीलिए हमें खुद को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिभा में हो रहे खेल-कूद एवं सांस्कृतिक तथा बौद्धिक प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़ कर  हिस्सा लेना चाहिए।

उदघाटन सत्र में रंगोली, कार्टून एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। आने वाले पांच दिनों में इस प्रतिभा उत्सव में अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें छात्र अपनी कला का हुनर दिखाएंगे। 

इस अवसर पर प्रो.बीएस निगम, श्रीमती रजनी नागपाल, श्री सूर्यप्रकाश, श्रीमती मीता उज्जैन, श्री लालबहादुर ओझा, डॉ.सौरभ मालवीय, श्री राकेश योगी उपस्थित रहे। 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना