" मीडियाः महिला, जाति और जुगाड़" के लेखक संजय कुमार से पटना पुस्तक मेला में पाठकों से सीधा संवाद
कुमोद कुमार/ पटना। चर्चित पुस्तक "मीडियाः महिला, जाति और जुगाड़" के लेखक संजय कुमार ने कहा है कि उनकी पुस्तक महिलाओं के खिलाफ नहीं बल्कि उनके पक्ष में खड़ा है। मीडिया के अंदर दर्द भी, पीड़ा भी और एक सच्चाई भी कुछ महसूस करने के बाद ये किताब लिखी। संजय कुमार सीआरडी द्वारा आयोजित 23वें पटना पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन से सद्य: प्रकाशित अपनी इस पुस्तक के लोकार्पण के तीसरे दिन प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर आज लेखक से मिलिये कार्यक्रम में पाठकों से रु ब रु हुए।
मंच पर संजय कुमार के साथ ही प्रभात प्रकाशन के डॉ पीयूष कुमार, वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य नवल किशोर चौधरी, समकालीन जनमत से जुड़े पत्रकार सुधीर सुमन ने भी इससे जुड़े सवालों के जवाब दिए. टीवी एंकर खालिद रशीद ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया.
श्री संजय कुमार ने पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्रों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मीडिया हाउस में पर पत्रकारों की स्थिति बदतर है। मीडिया में जहाँ वंचित तबकों का प्रतिनिधित्व नहीं है और महिलाओं के साथ शोषण की घटनाएँ होती रहती हैं, वहीँ जुगाड़ और पैरवी से लोग जगह पा जाते हैं। ऐसे में वे लोग वंचित हो जाते हैं जिनके पास टैलेंट है। वही उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया हाउस में शोषित महिला पत्रकारो की शोषण की लड़ाई आज की नई लड़ाई नहीं है ये लड़ाई कई बार महिला आयोग के दफ्तर तक गयी हैं ।
वही इस लेखक के जनसंवाद में वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार अवधेश प्रीत ने भी महिलाओं को मीडिया में कठिन बिट नहीं दिए जाने को लेकर सवाल किया. वही पत्रकार वेद प्रकाश ने पूछा कि मीडिया वंचितों के शोषण की बात तो स्वीकारता है, लेकिन शोषकों के परिचय नहीं बताता, क्यों ? इस जनसंवाद में पत्रकार इमरान सगीर, पत्रकार साकिब जिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट एवं साइंस, पटना के पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्र एवं छात्राओं ने लेखक व पत्रकार संजय कुमार से अपना सवाल खुलकर रखा.
इस मौके पर कॉलेज के छात्र कुमोद कुमार ,दीपक कुमार रवि रंजन, मो.सादिक हुसैन, मीनू कुमारी, अमरीन हुसैन, बीना कुमारी सिंह, सहित कई वरिष्ठ पत्रकार, छात्र एवम छात्राएं आदि मौजूद थे।