संसद के पुस्तकालय के लिये महात्मा गांधी वांग्मय के 100 खंड भेंट किये
नयी दिल्ली/ सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आजादी के आंदोलन का स्वरूप तय करने में महात्मा गांधी के लेखों के महत्व का उल्लेख करते हुये आज कहा कि राष्ट्रपिता के विचारों और लेखों का संरक्षण और भावी पीढ़ियों तक उन्हें पहुंचाना सभी की जिम्मेदारी है। श्री नायडू ने यहां लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को संसद के पुस्तकालय के लिये महात्मा गांधी वांग्मय के 100 खंड भेंट करने के अवसर पर ये विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि उनकी सभी कृतियों का यह संकलन पाठकों को उनके जीवन दर्शन को समझने का अनूठा अवसर उपलब्ध करायेगा। महात्मा गांधी के इस संदेश को उद्धृत करते हुए कि ‘ हमारा जीवन सभी के लिए खुली किताब होना चाहिये, श्री नायडू ने कहा कि उनके विचारों एवं लेखों का संरक्षण और भावी पीढ़ियों तक उन्हें पहुंचाना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी वांग्मय उनके विचारों का महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें 1884 में 15 वर्ष की उम्र से लेकर 30 जनवरी 1948 में जब उनकी हत्या हुई थी, तक के उनके लेखों और भाषणाें का संकलन है। । इसमें पूरे विश्व में जहां तहां बिखरे उनके विचारों को पूरी विद्वता और ईमानदारी के साथ संकलित किया गया है।