उर्मिलेश। हिन्दी के बड़े अखबार समूह-दैनिक भास्कर के कई दफ्तरों और समूह के कुछ प्रमुख लोगों के घरों पर सरकारी एजेंसियों की छापेमारी की खबर आ रही है. खबर के मुताबिक देश के कई शहरों में ऐसी छापेमारी हो रही है.
पिछले काफी समय से यह अखबार समूह(दैनिक भास्कर और दिव्य भास्कर आदि) सच लिखने से नहीं डर रहा था! कोरोना दौर में लोगों की मुश्किलों और सरकारों की आपराधिक लापरवाही व विफलताओं को अखबार ने बहुत तथ्यात्मक ढंग से उद्घाटित किया था. कई बड़े राजनैतिक मसलों पर भी इसकी खबरें और संपादकीय टिप्पणियां हिंदी के अन्य अखबारों से बिल्कुल अलग दिख रही थीं. कई बार अचरज भी होता था कि इतना बडा अखबारी समूह होने के बावजूद Bhaskar Group के मालिक और संपादक ऐसा साहस कैसे दिखा पा रहे हैं?
हाल के दिनों में #Pegasus जासूसी कांड और निकट अतीत के कुछ अन्य सनसनीखेज़ जासूसी कांडो का भी इस अखबार समूह ने जबर्दस्त कवरेज़ किया है. ग्रुप के कुछ प्रमुख प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की खबर मिलते ही जब अखबार-समूह से सम्बद्ध एक वरिष्ठ संपादकीय पदाधिकारी से इसका सच जानना चाहा तो उन्होंने भी बताया कि छापेमारी की ऐसी खबरें उन्हें भी मिल रही हैं.
(उर्मिलेश के फेसबुक वाल से साभार)
भोपाल से खबर है कि देश के इस बड़े समाचारपत्र समूह भास्कर से जुड़े ठिकानों पर आज आयकर विभाग ने भोपाल समेत अनेक शहरों में स्थित ठिकानों पर छापे की कार्रवाई प्रारंभ की। समूह के भोपाल स्थित मुख्यालय के अलावा नोएडा, जयपुर, अहमदाबाद और अन्य शहरों में कम से कम एक दर्जन परिसरों में छापे की कार्रवाई किए जाने की सूचना है। कर चोरी की आशंका के चलते यह कार्रवाई किया जाना बताया गया है। सूत्रों का कहना है कि भोपाल में एमपीनगर स्थित समूह के मुख्यालय के अलावा लगभग आधा दर्जन परिसरों में भी छापे की कार्रवाई की गयी। सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय पुलिस की मदद ली गयी है। यह समाचारपत्र समूह हिंदी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचारपत्र प्रकाशित करता है। इसके अलावा समूह शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र से भी जुड़ा हुआ है।