Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

फिल्‍म प्रभाग सराहनीय वृत्‍तचित्र, फिल्‍मों का सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा

फिल्‍म प्रभाग में वृत्‍तचित्र फिल्‍म क्‍लब ‘क्षितिज’ का शुभारंभ  आज मुंबई में 

नई दिल्ली/ सराहनीय वृत्‍तचित्र फिल्‍मों का अब सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाएगा और फिल्‍म प्रेमियों को फिल्‍मों को देखने के साथ ही साथ उनके निदेशकों/निरीक्षकों के साथ बातचीत करने का अवसर भी मिलेगा। ऐसा फिल्म क्लब ‘क्षितिज’ के शुभारंभ की बदौलत होने जा रहा है। क्षितिज का शुभारंभ फिल्म प्रभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालयद्वारा भारतीय वृत्‍तचित्र निर्माता संघ (आईडीपीए) के सहयोग से होने जा रहा है। वृत्‍तचित्र फिल्‍मों का  सार्वजनिक प्रदर्शन हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को शाम पांच बजे से साढ़े छह बजे तक फिल्‍म प्रभाग परिसर में किया जाएगा। उसके फौरन बाद वृत्‍तचित्र फिल्‍म के  निदेशकों/निरीक्षकों के साथ संक्षिप्‍त बातचीत होगी।

वृत्‍तचित्र फिल्म क्लब ‘क्षितिज’ का उद्घाटन शहरी विकास राज्‍य मंत्री, महाराष्‍ट्र सरकार श्री योगेश सागर द्वारा विख्‍यात फिल्‍मकार अरुणाराजे पाटिल और मृणाल कुलकर्णी की मौजूदगी में 12 जुलाई, 2019) शाम पांच बजे ऑडिटोरियम-1, न्‍यू म्‍यूजियम बिल्डिंग, फिल्‍म प्रभाग परिसर, मुंबई में किया जाएगा।

उद्घाटन फिल्‍म के तौर पर बेहद सराही गई अजय एवं विजय बेदी की वृत्‍तचित्र फिल्‍म ‘सीक्रेट लाइफ ऑफ फ्रॉग्‍स’ दिखाई जाएगी।  

फिल्‍म प्रभाग की स्‍थापना 1948 में की गई थी और वह तब से निरंतर देश की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्‍कृतिक कल्‍पनाओं और वास्‍तविकताओं का रिकॉर्ड फिल्‍मों में संजो रहा है। पिछले सात दशक से ज्‍यादा अर्से से वह सक्रिय रूप से भारत में व्‍यक्तिगत दृष्टि और सामाजिक प्रतिबद्धता वाली फिल्‍म निर्माण की संस्‍कृति को प्रोत्‍साहन और बढ़ावा देता आ रहा है। प्रभाग के पास 8,000 से ज्‍यादा टाइटल हैं जिनमें बहुमूल्‍य आईएनआर, वृत्‍तचित्र, लघु फिल्‍में और एनीमेशन फिल्‍में शामिल हैं।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना