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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर पर मुकदमा

सैन बर्नार्डिनो हमले के पीड़ित परिवारों ने आतंकवादियों को सोशल मीडिया पर फलने-फूलने का मौका देने का लगाया आरोप  

लास एंजिलिस/ कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में दिसंबर 2015 में गोलीबारी में मारे गये तीन लोगों के परिजनों ने फेसबुक, गूगल (यूट्यूब) और ट्विटर पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आर्इएस) के आतंकवादियों को सोशल मीडिया पर फलने-फूलने का मौका देने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इन लोगों ने अमेरिका के लॉस एंजिलिस की एक अदालत में मुकदमा दायर किया है।

घटना में मारे गये सिएरा क्लेबाॅर्न, टिन गुयेन और निकोलस थलासिनोस के परिजनों ने अपने 32 पृष्ठों के शिकायत पत्र में कहा कि तीनों कंपनियों ने कई वर्षों तक बिना सोच-विचार किए जानबूझकर आईएस को अपने सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करने की इजाजत दी। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवादियों को सोशल मीडिया का मनचाहा इस्तेमाल करके अपना प्रचार करने की अनुमति देकर इन तीनों कंपनियों ने आतंकवादी संगठन को सहायता पहुंचायी जिसकी वजह से सैन बर्नार्डिनो जैसी घटना हुई। उन्होंने कहा कि इन तीनों साइटों से मदद मिले बगैर आईएस का इतना प्रचार-प्रसार संभव नहीं था। आईएस ने इन सोशल साइट्स का इस्तेमाल अपनी कट्टर विचारधारा फैलाने, धन जुटाने और नए लोगों को आकर्षित करने में किया।

ट्विटर की प्रवक्ता ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। साथ ही
फेसबुक और गूगल से भी इस बारे में अब तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।

दो दिसंबर 2015 को कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में सैयद रिजवान फारूक और उसकी पत्नी तश्फीन मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान गोलीबारी कर 14 लोगों को मार दिया था और 22 लोग घायल हो गये थे। पुलिस ने कई घंटे चली मुठभेड़ के बाद दोनों को मार गिराया था।

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना