बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने भी कार्रवाई की मांग की
पटना/ पत्रकार जयकान्त चौधरी के साथ कल थाना परिसर में पुलिस द्वारा बदसलूकी और मारपीट की गई। मामले पर वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (डबल्यूजेएआइ) ने डीजीपी को आज ज्ञापन दिया। डीजीपी ने आश्वासन दिया कि तीन दिनों के अंदर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने भी पत्रकार से बदसलूकी की निंदा की है। यूनियन ने .घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर ठोस कार्रवाई की मांग की है, और कहा है कि अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पाटलिपुत्र थाना परिसर खबर कवर करने गए वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सदस्य और पत्रकार जयकान्त चौधरी से थाना परिसर में ही पुलिसवालों के द्वारा बदसलूकी और मारपीट की गई है। जिसके बाद पत्रकार जयकांत चौधरी को परिजनों के द्वारा पीएमसीएच में इलाज के लिए ले जाया गया है।
इस पूरे प्रकरण के दौरान पत्रकार जयकांत चौधरी पुलिस वालों के सामने गिड़गिड़ाते रहे और परिचय देते रहे। यहां तक कि चैनल और विधानसभा की ओर से मिलने वाले पहचान पत्र तक दिखाया। उसके बाद भी जिस मोबाइल से वो वीडियो बना रहे थे, उसे छीन लिया गया। साथ ही उनके साथ मारपीट की गई। उन्हें एक रूम में ले जाकर बंद कर दिया।
बाद में फुटेज को डिलीट करने बाद पत्रकार को पुलिस वालों ने छोड़ा। बंधक बनाए गए पत्रकार के मोबाइल से वो तमाम फुटेज को पुलिस वालों के द्वारा डिलीट कर दिया गया। जो उन्होंने थाना परिसर के अंदर कैप्चर किया था। फिर मोबाइल भी सौंप दी गई। और पत्रकार को छोड़ दिया गया। जैसे तैसे जयकांत चौधरी रूम पर पहुंचे। तब परिजन उन्हें पीएमसीएच ले गए।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने हाल ही में पत्रकारों की सुरक्षा के मद्दे नजर एक एडवाजरी जारी किया था। जिसमें स्पष्ट तौर पर आदेश दिए गए थे कि पुलिस पदाधिकारी पत्रकारों को कवरेज के दौरान सहयोग करें न कि मारपीट। इसके बावजूद राज्य में पत्रकारों से पुलिस द्वारा बदसलूकी की घटनाएँ हो रही हैं।