Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

प्रिंट पत्रकारिता का अपना प्रभाव है: प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति ने प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किए केसीके इंटरनेशनल पुरस्कार

नई दिल्ली / राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 20 मार्च को यहाँ राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके इंटरनेशनल पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता का हमारे देश में एक लंबा इतिहास रहा है। पत्रकारिता का हमारी आजादी और सामाजिक सुधारों के संघर्ष में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पत्रकारों और पत्रकारिता ने सामाजिक पुनर्जागरण आंदोलन तथा देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक आदर्श भूमिका निभाई। भारतीय पत्रकारिता का इतिहास प्रगतिशील सुधारों, सामाजिक पुनर्जागरण और उपनिवेशवाद विरोध के लिए जाना जाता है। 1819 में राजा राममोहन रॉय ने 'संवाद कौमुदी' के साथ 'संवाद चंद्रिका' और 'मिरत-उल-अखबार' को प्रकाशित किया गया। बाद में महात्मा द्वारा 'हरिजन और यंग इंडिया का संपादन किया गया। अन्य कई प्रकाशनों के माध्यम से भारतीय समाज और राष्ट्रवाद के लिए प्रिंट पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रिंट पत्रकारिता का अपना प्रभाव है, क्योंकि पत्रकार अपने कॉलम/ कहानियों / टिप्पणियों आदि के माध्यम से पाठकों के मन में स्थायी जगह बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में प्रौद्योगिकी के उपयोग की वृद्धि हुई है और हाल के वर्षों में सोशल मीडिया में भी प्रभावी वृद्धि हुई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके इंटरनेशनल पुरस्कार प्रदान करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दूसरों को अपने मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करेगा। (PIB)

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना