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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पुस्तक का विषय साहसिक, काफी कुछ बयान कर देता है

संजय कुमार की पुस्तक ‘मीडिया : महिला, जाति और जुगाड़’ का लोकार्पण पटना पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर संपन्न

पटना / वरिष्ठ पत्रकार‍‍ श्री संजय कुमार (समाचार संपादक, दूरदर्शन) की सद्य: प्रकाशित पुस्तक ‘मीडिया : महिला, जाति और जुगाड़’ का लोकार्पण बिहार संगीत नाट्य अकादमी के निदेशक श्री आलोक धन्वा, वरिष्ठ पत्रकार व जगजीवन राम शोध संस्थान के निदेशक श्री श्रीकांत, प्रभारी हिंदुस्थान समाचार की वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती रजनी शंकर, वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार श्री अवधेश प्रीत, कथाकार श्री मदन कश्यप और प्रभात प्रकाशन के पीयूष जी ने आज पटना पुस्तक मेला में प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर किया. लोकार्पण से पहले पुस्तक के लेखक संजय कुमार ने बताया कि आज भी मीडिया में जहाँ वंचित तबकों का प्रतिनिधित्व नहीं है और महिलाओं के साथ शोषण की घटनाएँ होती रहती हैं, वहीँ जुगाड़ और पैरवी से लोग जगह पा जाते हैं. यह पुस्तक इन्ही विषयों पर लिखे गए मेरे लेखों का संग्रह है.

लोकार्पण के बाद श्रीमती रजनी शंकर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए मीडिया में राह बनाना और उसपर आगे बढ़ते रहना अधिक मुश्किलों भरा होता है. उनमें काबिलियत होते हुए भी अक्सर कनिष्ठ पुरुष कर्मी प्रमोशन पा जाते है. उन्होंने कहा कि पुस्तक का नाम ही काफी कुछ बयान कर देता है.

श्री श्रीकांत ने कहा कि पुस्तक का यह विषय चुनना काफी साहस का काम है. ही काफी बोल्ड है और मीडिया भी समाज का ही आइना होता है.

श्री मदन कश्यप ने कहा कि सरकारी नौकरी में रहते हुए भी ऐसे बोल्ड विषयों पर किताब लिखना ही काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, जिसे संजय कुमार ने कर दिखाया है.  

वहीँ श्री अवधेश प्रीत का कहना था कि आज मीडिया का भी कारपोरेटीकरण हो चुका है और इस दौर में मीडिया भी सिर्फ बाजार की दौड़ में ही शामिल है.  

लोकार्पण के बाद श्री आलोक धन्वा ने कहा कि इन सबके बावजूद मै मीडिया को भी सकारात्मक रूप में देखता हूँ. यह चौथा खम्भा है और भविष्य में भी आगे ही बढेगा.  

मंच सञ्चालन अनीश अंकुर ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में बुद्ध‌ि‍जीवी, चिंतक, विचारक, साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित थे. 

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सम्पादक

डॉ. लीना