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पारंपरिक कैलेंडर सशक्त संचार माध्यमः अरुण जेटली

‘विकास की नई उड़ान’ विषय  पर भारत सरकार का कैलेंडर 2016 जारी 

कर्नल राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कैलेंडर 2016 का ई-संस्कारण जारी किया 

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त, कारपोरेट मामले तथा सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पारंपरिक कैलेंडर नई-नई टेक्नोलॉजी के बावजूद अपना स्थान बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का कैलेंडर 2016 प्रत्येक महीने विकास की एक थीम प्रदर्शित कर सरकार के विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएगा। प्रत्येक महीने का कैलेंडर लोगों से संबंधित एक विशेष लक्ष्य और प्राथमिकता क्षेत्र को व्यक्त करता है । श्री जेटली 23 दिसंबर 2015 को नई दिल्ली में ‘विकास की नई उड़ान’ थीम पर बने भारत सरकार का कलेंडर 2016 जारी कर रहे थे।  इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन राठौड़ तथा सूचना और प्रसारण सचिव  सुनील अरोड़ा भी उपस्थित थे।

श्री जेटली ने कहा कि कैलेंडर की पहुंच इतनी व्यापक है कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में संदेश देश की पंचायतों तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं तथा स्मार्ट सिटी जैसे विकास के विषयों के माध्यम से कैलेंडर ने सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और लक्ष्यों पर बल दिया है। भारत सरकार के कैलेंडर में विकास संदेह की शक्ति को दोहराया गया है। यह लोगों से संबंधित राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा है।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कैलेंडर 2016 का डिजिटल संस्करण लांच किया। उन्होंने कहा कि 2016 के कैलेंडर में लोगों विशेषकर युवाओं तथा नागरिकों तक पहुंचने वाली अनेक विशेषताएं है। युवा और साधारण नागरिक कार्यक्रम तथा नीतियों के बारे में सूचना मांगते है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की सफलता काफी हद तक नागरिकों की जागरुकता पर निर्भर करती है। श्री राठौड़ ने कहा कि 2016 का कैलेंडर यह उद्देश्य पूरा करता है और इसका ई-संस्करण लोगों को सरकार के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है। कैलेंडर पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति, ट्वीट तथा आकाशवाणी तथा दूरदर्शन समाचार की खबरों तक पहुंच प्रदान करता है। कैलेंडर के डिजिटल संस्करण से नई तकनीक और तौर-तरीकों के प्रति अत्यधिक सचेत युवाओं को सूचना मिलेगी। कर्नल राज्यवर्धन राठौड ने ऑनलाइन कामकाज को सहज बनाने के लिए डीएवीपी के प्रयासों की सहराना की। उन्होंने कहा कि डीएवीपी के अंदर विशेष लोगों को लक्ष्य बनाकर विज्ञापन लाने का विचार आया था।

भारत सरकार का कैलेंडर 2016 विज्ञापन तथा दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा डिजाइन और मुद्रित किया गया है। यह हिन्दी के अतिरिक्त 11 भाषाओं में प्रकाशित हुआ है। इसे सभी पंचायत जिला परिषदों, केन्द्रीय सहायता से चलने वाले स्कूलों, सभी विदेशी मिशनों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, केन्द्र सरकार के अधिकारियों को वितरित किया जाएगा। कैलेंडर का थीम है “विकास की नई उड़ान”। कैलेंडर में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अनेक विकास योजनाओं का दिखाया गया है। यह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मुद्रा योजना, स्मार्ट सिटी, पीएमकेवाईवी, जनधन योजना, डिजिटल इंडिया, सभी के लिए स्वास्थ्य, बिजली और रोजगार, किसान कल्याण, बंदरगाहमुखी विकास पर केन्द्रित हैं। कैलेंडर 2016 का समापन अष्टलक्ष्मी के साथ होता है। इसका बल पूर्वोत्तर में विकास पर है। पूरे देश में कैलेंडर को बाटने की जिम्मदारी डाक विभाग को दी गई है।

  वर्ष 2016 के कैलेंडर में दिखाई गई विकास थीमों की राज्यवर सूची इस प्रकार हैः-

      जनवरी महीने में रहने योग्य टिकाऊ स्मार्ट सिटी बनाने के सपने को दिखाया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून 2015 को यह मिशन लांच किया था।

      फरवरी महीने का कैलेंडर लड़कियों को बचाने तथा उनकी शिक्षा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ थीम पर बना है। इस कार्यक्रम का शुभांरभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत में किया था।

      मार्च महीने के कैलेंडर में मुद्रा योजना के माध्यम से छोटे उद्यमियों को दिए जा रहे प्रोत्साहन को दिखाया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को मुद्रा योजना को लांच किया था।

      अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं में कौशल विकास को दिखाया गया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना मांग प्रेरित, पुरस्कार आधारित कौशल प्रशिक्षण योजना है जो सफलतापूर्वक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने वाले उम्मीदवारों को वित्तीय पुरस्कार देकर कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करती है।

      मई महीने में स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं को महत्व दिया गया है। इसका बल स्वास्थ्य पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपए का अधिकतम उपयोग पर है।

      जनधन योजना जून महीने के कैलेंडर का विषय है। 28 अगस्त 2014 को यह योजना लांच करते हुए प्रधानमंत्री ने प्राचीन संस्कृत श्लोक- सुखस्य मूलम् धर्म, धर्मस्य मूलम् अर्थ, अर्थस्य मूलम् राज्यम्- का उल्लेख करते हुए कहा था कि आर्थिक गतिविधियों में लोगों को शामिल करना राज्य का दायित्व है।

      जुलाई महीने में डिजिटल इंडिया के सपने को दिखाय गया है। इसका उद्देश्य मोबाइल सेवाओं को ई-बैंकिंग से जोड़ना है।

      अगस्त महीने के कैलेंडर में समय-सीमा के अंदर गांवों के बिजलीकरण को दिखाया गया है।

      सितंबर के कैलेंडर में सभी के लिए रोजगार के अवसर की बात की गई है।

      अक्टूबर महीने के कैलेंडर में भारतीय समाज में किसानों के महत्व को दिखाते हुए किसानों के प्रति सरकार की चिंता को प्रमुखता से व्यक्त किया गया है।

      नवंबर महीने में बंदरगार अवसरंचना विकसित करके विकास पर बल दिया गया है। सागरमाला परियोजना को प्रमुखता दी गई है।

      और दिसंबर महीने में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर बल को दिखाया गया है।(पीआईबी)

 

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सम्पादक

डॉ. लीना