नयी दिल्ली/ केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने आज कहा कि पत्रकारों के हितों के लिए संघर्ष और नए वेतनमान के मामले में वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं और केन्द्र सरकार इसमें उनकी सभी मांगों का समर्थन करेगी । श्रीमती इरानी ने फेडरेशन ऑफ़ पीटीआई इम्प्लाइज यूनियन्स की वार्षिक आम बैठक के दूसरे दिन आज कहा कि इस मामले में फाइल प्रसार भारती को भेजी जा चुकी हैं और वह उनके पत्र का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का एक ही एजेंडा होना चाहिए और वह एजेंडा ‘सत्य ’ है।
श्रीमती इरानी ने कहा कि पहले और आज की पत्रकारिता में जमीन -आसमान का फर्क है. “पत्रकारिता करना इतना आसान काम नहीं है और इसमें काफी मेहनत और प्रतिबद्वता की आवश्यकता है लेकिन आज के मीडियाकर्मी खासकर ‘युवा रिपोर्टर’ अपनी स्टोरियों और जानकारी के लिए पूरी तरह सोशल मीडिया मुख्तया “गूगल बाबा” पर निर्भर हैं। लेकिन पत्रकारों को सिर्फ गूगल बाबा पर निर्भर रहने की बजाए मुद्दों की मूल तह तक जाना होगा।
एक पत्रकार को इमानदार होना बेहद जरूरी है और तभी सही खबर चला सकेगें।
उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता में काफी बदलाव की जरूरत है और मीडिया का आम लोगों पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ता है लेकिन मीडिया के कुछ लोग सोचते हैं कि उन्होंने किसी खास समाचार का एजेंडा तय कर दिया है और हर कुछ उन्हीं के अनुसार चलता हैं
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बीते समय की पत्रकारिता काफी अलग थी और आज संसाधनों तक पहुंच अधिक है और इसे देखते हुए पत्रकारिता को नए सिरे से स्थापित किए जाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
मीडिया की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने हितों के लिए पत्रकारों को खुद ही संघर्ष करना होगा और वह उनके आंदोलन का समर्थन करेंगीं और उनकी ‘‘ढाल बनेंगी।
केन्द्रीय संचार और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सूचना तकनीक से लबरेज नेट आधारित इस दौर में सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन कईं बार सोशल मीडिया का दुरूपयोग भी किया जाता है और सोशल मीडिया की इन चुनौतियों का निदान तलाशना अत्यन्त आवश्यक है तथा मीडिया खुद ही इन चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस अधिवेशन में यूएनआई के संपादक एवं प्रबंधकीय प्रमुख अशोक उपाध्याय ने कहा कि समाचार एजेंसियां सही और प्रमाणिक खबरें देती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों एजेंसियां गंगा और यमुना की तरह हैं और पूरे देश में समाचार जगत में बहते हुए शुद्ध, सही एवं प्रामाणिक समाचार देती हैं और वह समाचारों में विचार नहीं डालतीं। उन्होंने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि लोगों तक सही समाचार पहुंचाने के लिए समाचार एजेंसियों को मजबूत बनाना होगा।
श्री उपाध्याय ने कहा कि लेकिन आज के पत्रकारिता के दौर को देखते हुए यही लगता है कि समाचार और विचार मिलकर अनाचार हो रहा है।