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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पत्रकारों को अपनी आवाज़ खुद बननी होगी

आई. एफ. डब्लू. जे. का राष्ट्रीय पत्रकार सम्मलेन समाप्त

पटना/ पत्रकार चाहें तो उनकी स्तिथि सुधर सकती है लेकिन उसके लिए उन्हें हीं खुद की आवाज़ बननी होगी । दिक्कत यह कि आज एक पत्रकार ही दुसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं जबकि देश भर के पत्रकारों को पत्रकार के मुद्दे पर साथ खड़े होने की जरुरत है यह बातें इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आई.एफ.डब्लू.जे.) के विधि सलाहकार अश्वनी दुबे ने दो दिनों से चल रहे राष्ट्रीय पत्रकार सम्मलेन के समापन अवसर पर कही । पत्रकारों से सम्बंधित कानून और अधिकारों पर भी उन्होंने देश भर के पत्रकारों के सामने विस्तार से चर्चा की ।

मौके पर बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती उषा विद्यार्थी ने कहा कि पत्रकारों के बिना जग सुना है, बड़े-बड़े राजनेता या किसी अन्य क्षेत्र के सेलेब्रेटी भी चाहते हैं कि उनके कार्यक्रमों में, उनके भाषणों में, उनके उपलब्धियों में पत्रकारों की मौजूदगी हो ताकि उनका व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके । 

मधुबनी के विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि पत्रकार जनता की आवाज़ होते हैं इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है । 

इसके पूर्व आई.एफ.डब्लू.जे. की सांगठनिक बैठक हुयी जिसमें सभी प्रदेश के अध्यक्ष / सचिव ने अपनी वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट प्रस्तुत की, संगठन की ओर से सभी आगत अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया और स्मृति चिन्ह देकर विदाई की गयी ।

कार्यक्रम का प्रारंभ बिहार के वरिष्ठ पत्रकार स्व० कमल आनंद को पुष्प अर्पित कर  श्रद्धांजली देने के साथ हुआ । देशभर से आये पत्रकारों ने स्व० आनंद, कुलदीप नैय्यर सहित केरल में आई बाढ़ में मरे गये सैकड़ों लोगों को नमन किया और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा ।

आई.एफ.डब्लू.जे. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० के विक्रम राव ने दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन की घोषणा के पूर्व कहा कि जिस तरह देश के लिए लोकतंत्र महत्वपपूर्ण है उसी प्रकार संगठन को भी लोकतान्त्रिक तरीके से चलाया जाना चाहिए तभी कोई भी संगठन विकास व विस्तार लेता है । उन्होंने सफलता पूर्वक आयोजन के लिए बिहार इकाई को बहुत बधाई दी।

कार्यक्रम का संचालन प्रदेश अध्यक्ष डॉ० ध्रुव कुमार कर रहे थे । अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में प्रसिद्द लेखिका ममता मेहरोत्रा, मोहन कुमार, सुधीर मधुकर, अभिजित पाण्डेय, मुकेश महान, प्रभाष चन्द्र शर्मा, नीता सिन्हा, वीणा बेनीपुरी, सत्यनारायण चतुर्वेदी, महेश कुमार, रवि रंजन आदि मौजूद थे ।  

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सम्पादक

डॉ. लीना