Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

पत्रकार "सैयद अब्दुर्राफे "की याद में शोक सभा

साकिब ज़िया/पटना। कलम के सिपाही को श्रद्धांजलि देते हुए पत्रकार "सैयद अब्दुर्राफे "की याद में आज शोक सभा का आयोजन किया गया। शोकसभा का आयोजन पटना स्थित बिहार उर्दू भवन में किया गया। 21 दिसंबर को उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार सैयद अब्दुर्राफे साहब का लंबी बीमारी के बाद पटना में निधन हो गया था।

शोकसभा में मज़हरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एजाज अली अरशद ,सैय्यद रज़ी हैदर ,बिहार उर्दू अकादमी के सचिव मुश्ताक अहमद नूरी ,साहित्यकार अलीमउल्लाह हाली ,कौमी तंज़ीम के संपादक अशरफ फरीद,अनवारुल हसन  सहित कई गणमान्य लोगों ने अपनी ओर से  श्रद्धांजलि अर्पित किया। अपने संबोधन के माध्यम से सभी लोगों ने स्वर्गीय अब्दुर्राफे की पत्रकारिता जीवन पर प्रकाश डाला और पत्रकारों की नई पीढ़ी से उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हुए समाज का कल्याण करने की अपील की।

कॉलेज आफॅ कॉमर्स के  पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक और पत्रकार सैय्यद जावेद हसन ने कहा की सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि उनके नाम से पत्रकारिता पुरस्कार की शुरुआत हो।उर्दू भाषा के अलावा हिन्दी एवं अंग्रेज़ी ज़बान के पत्रकारों ने भी सभा में भाग लिया और वरिष्ठ पत्रकार अब्दुर्राफे के लेखनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कलम हर मुद्दे पर इमानदारी और बेबाकी के साथ लिखता था।इस मौके पर उनके परिजनों ने कहा की वे अपने कार्य को हमेशा प्राथमिकता देते थे। इसके अलावा मीडिया संस्थानों के छात्र -छात्राओं ने भी उन्हें नम आंखों के साथ याद किया और उनके बताए रास्ते पर चलने की बात कही।

 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना