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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पत्रकारिता गंभीर कार्य है, कोई खेल नहीं : श्री नरोत्तम मिश्रा

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का प्रतिभा पुरस्कर वितरण समारोह आयोजित

भोपाल। आज अन्य तरह के परिवर्तनों के साथ ही पत्रकारिता का परिदृश्य भी काफी बदल गया है। युवा पत्रकारों से आज समाज को काफी आशा है। टीवी पत्रकारिता ने भी पत्रकारों की कार्य-शैली को बदला है। इसलिए कई बार तथ्य और वास्तविकता की उपेक्षा भी हो जाती है। पत्रकारिता कोई खेल नहीं बल्कि एक गंभीर विधा है जिसकी गरिमा को कायम रखने के लिए किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय हैं। गंभीर मीडिया जनप्रतिनिधियों को भी गंभीरता से कार्य करने के लिए प्रवृत्त करता है। यह विचार जनसंपर्क, जल-संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने पत्रकारिता एवं संचार के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रतिभा पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा में अनेक सदस्य बहुत अध्ययन के बाद गंभीरता से अपनी बात रखते हैं, लेकिन मीडिया का ध्यान उन पर नहीं जाता है। वहीं, जो सदस्य हंगामा करते हैं, मीडिया में उन्हें भरपूर स्थान मिलता है। इस प्रकार का व्यवहार करने वाले सदस्यों को समाचार पत्रों में प्रथम पृष्ठ पर प्रमुखता से स्थान दिया जाता है। श्री मिश्रा ने कहा कि प्रकारांतर से मीडिया ने ही इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है। मीडिया का इस प्रकार का स्वरूप लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होना चाहिए, कमजोर नहीं। डॉ. मिश्र ने कहा कि किसी भी समाचार से भ्रम, असत्य और फिर इससे उत्पन्न भय की स्थिति पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों के साथ न्याय नहीं है। इसी तरह टीवी पर सामयिक विषयों पर होने वाली चर्चा के दौरान भी कई बार दो पक्षों के विचार पूछते हुए कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता न्यायाधीश की भूमिका में आ जाते हैं। यह किसी भी दृष्टि से श्रेयस्कर नहीं है।  

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात कलाकार राजीव वर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में एक सकारात्मक बदलाव आता दिखाई दे रहा है और इसका श्रेय माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को जाता है। यहाँ से शिक्षित युवा पत्रकारों की रिपोर्टिंग में गंभीरता दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि रंगमंच की पर्याप्त रिपोर्टिंग आज मीडिया में हो रही है। लेकिन, रंगमंच की सिर्फ रिपोर्टिंग ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक अच्छी आलोचना भी करना चाहिए। ताकि रंगमंच और बेहतर हो सके। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश से आए विवेकानंद केंद्र के सामाजिक कार्यकर्ता संजय करकरे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने किया।

श्रेष्ठ विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपये के पुरस्कारों की घोषणा : जनसंपर्क मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपये के पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष से जनसंपर्क विभाग की ओर से विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को 25-25 हजार के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण : 'प्रतिभा' विश्वविद्यालय का वार्षिकोत्सव है, जिसके अंतर्गत सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतिभा-2017 के अंतर्गत आयोजित हुईं विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को इस समारोह में अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान किए। इसके साथ ही इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

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सम्पादक

डॉ. लीना