मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, 14 फरवरी तक रहेगा पुस्तकों का महाकुंभ
साकिब ज़िया/पटना/ साहित्य, कला और संस्कृति के ज्ञान का महाकुंभ एक बार फिर राजधानी में आयोजित किया गया है। सेन्टर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट, सीआरडी की ओर से आयोजित किया जाने वाला पटना पुस्तक मेला का आगाज हो चुका है। यह मेला 14 फरवरी तक चलेगा। इस वर्ष का थीम है "कुशल युवा-सफल बिहार"। शनिवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 23वां पटना पुस्तक मेला का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला सिर्फ प्रदेश में ही नहीं देश में अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को पुस्तकों से खासा लगाव है और यह मेला साक्षरता बढ़ाने एवं लोगों में पुस्तकों के प्रति लगाव बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मौके पर श्री कुमार ने आयोजकों को मेला के रजत जयंती आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की सलाह दी और कहा कि राज्य सरकार इसके लिए हर संभव मदद करेगी।
इस मौके पर मौजूद वरिष्ठ कवि सत्यनारायण ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकें दीपक के समान हैं जिसकी रौशनी कभी फीकी नहीं पड़ती है। उन्होंने इस मेला की तुलना महाग्रंथ से करते हुए कहा कि 22अध्याय खत्म हो चुका है और 23वें अध्याय की शुरुआत हो चुकी है।
उद्घाटन समारोह का संचालन सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने किया। स्वागत भाषण आयोजन के अध्यक्ष एच. एस. गुलाटी और धन्यवाद ज्ञापन सचिव अमरेंद्र कुमार झा ने किया। इसके साथ ही मेला के संस्थापक एन. के. झा सहित कई गणमान्य और बुद्धिजीवियों सहित बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी मौजूद रहे।