Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

न्‍यूज एजेंसी BYN का हुआ शुभारंभ

पटना / बिहार की पहली न्‍यूज एजेंसी BYN का शुभारंभ स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर कल पटना में किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए BYN के संपादक वीरेंद्र यादव ने कहा कि मासिक पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ वर्तमान स्‍वरूप में यथावत जारी रहेगी। पत्रिका के कार्य को विस्‍तार करते हुए BYN न्‍यूज एजेंसी की शुरुआत की जा रही है। यह बिहार के मुद्दों पर बिहार के लिए पहली न्‍यूज एजेंसी है, जो बिहार की संवेदनाओं को स्‍पर्श करने का प्रयास करेगी।

उन्‍होंने कहा कि देश में कई समाचार एजेंसियां हैं, जो समाचार माध्‍यमों को अपनी सेवाएं उपलब्‍ध करा रही हैं। लेकिन ये एजेंसियां अपराध और राजनीति की खबरों को महत्‍व देती हैं, जबकि बिहार के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। BYN उन्‍हीं उपेक्षित और आवरण के पीछे छुपे सरोकारों को उजागर करने का प्रयास करेगी। प्रारंभ में यह अव्‍यावसायिक प्रयास है, लेकिन शीघ्र ही इसका व्‍यावसायिक इस्‍तेमाल भी शुरू किया जाएगा।

संपादक वीरेंद्र यादव ने कहा कि ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ पिछले 20 महीनों से लगातार मासिक पत्रिका के रूप में प्रकाशित हो रही है। पिछले फरवरी महीने से न्‍यूज पोर्टल birendrayadavnews.in की शुरुआत की। हालांकि यह प्रयास बहुत ज्‍यादा सफल नहीं हुआ। लेकिन अब इसे भी आगे बढ़ाना है। BYN के प्रांरभ होने से न्‍यूज पोर्टल को भी विशेष खबरें रोज उपलब्‍ध हो सकेंगी। उन्‍होंने कहा कि शीघ्र ही BYN का Vedio Edition  भी शुरू किया जाएगा। संपादक ने कहा कि खबरों की बाढ़ में अपने सरोकार की खबर की तलाश और सृजन दोनों मुश्किल काम है, इसके बावजूद BYN सार्थक देने का प्रयास करेगा।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता इंजी. अजय यादव व अरविंद निषाद, पत्रकार अनिल गुप्‍ता व आशीष झा, अधिवक्‍ता रामचंद्र सिंह, डॉ राम अशीष सिंह, कुमार उदय प्रताप, रविंद्र यादव, राजेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, राहुल कुमार, निराला यादव, रविंद्र यादव, संजय कुमार ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किये।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना