दैनिक जागरण के अफसरों के महिलाओं के साथ विवादों के बाद अब जागरण प्रबंधन ने फैसला किया है अब वह कंपनी में महिलाओं की तैनाती नहीं करेंगे
दैनिक जागरण के अफसरों के महिलाओं के साथ विवादों के बाद अब जागरण प्रबंधन ने फैसला किया है अब वह कंपनी में महिलाओं की तैनाती नहीं करेंगे। एक सूत्र ने बताया कि इस बाबत अब मौखिक आदेश जारी कर दिए गए हैं हालांकि उसमें एक बात जोड़ दिया गया है कि सखी या फिर मार्केटिंग आदि में वह काम कर सकती हैं पर संपादकीय में महिलाओं की तैनात पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। संपादकीय में नई लड़कियों की नियुक्ति अब नहीं होगी।
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से दैनिक जागरण के अफसर महिलाओं के साथ विवादों में रहे हैं। नोएडा के ब्यूरो चीफ पर एक महिला सहकर्मी ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। उनका स्टिंग भी हुआ था जिसके बाद उन्हें कंपनी से हटा दिया गया था। एक तरफ जहां कंपनी अपने ब्रांड को मजबूत करने की कोशिश में हैं वही उसके अधिकारी जागरण के नाम को खराब करने में जुटे हुए हैं। ब्यूरो चीफ के मामले के बाद एक और अफसर पर महिला ने आरोप जड़े थे। वह जागरण पोस्ट में थे और जागरण के कैंपस में ही प्यार की पिंगें बढ़ा रहे थे। वे समाचार संपादक स्तर के अधिकारी थे।
उसके बाद गाजियाबाद की महिला पत्रकार का मामला संज्ञान में आय़ा। वह भी नोएडा डेस्क पर तैनात थी। उसने मानसिक शोषण को लेकर संपादकीय के तीन अफसरों को कड़घरे में खड़ा किया था। हालांकि अब उसका मामला भी शांत पड़ गया है पर उसका खामियाजा उन लड़कियों के करियर पर पड़ने वाला है जो संपादकीय में इंट्री करना चाहती थीं। दैनिक जागरण एक बड़ा समाचार समूह है और हर एक का सपना होता है कि वह जागरण के साथ जुड़े पर कुछ लाभ के लिए जिस प्रकार के खेल जागरण के अधिकारियों ने खेले हैं उससे न केवल जागरण की साख गिरी है बल्कि महिलाओं के लिए जागरण में लक्ष्मण रेखा भी खींच दी गई है। हालांकि संपादकीय के अधिकारियों के एक बार फिर इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और महिलाओं को लेकर अपनी खुद एक दूरी बनानी चाहिए न कि लड़कियों को प्रताड़ित करना चाहिए।
jansattaexpress.net से साभार (जनसत्ता एक्स्प्रेस डॉट नेट ने अपने सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित किया है )