विदर्भ के किसानो की आत्महत्या के मामले न उठाने का भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य ने प्रेस पर लगाया आरोप
बैतूल। कई बार बड़बोलापन आदमी को फजिहत में डाल देता है, ऐसा ही कुछ हुआ भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य एवं प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव रंजन नाग के साथ जब उन्होने बैतूल में कहा कि नागपुर में आयोजित फैशन शो को कवरेज करने आए पत्रकारो ने विदर्भ के किसानो की आत्महत्या के मामले को नहीं उठाया तथा देश के प्रतिष्ठित आंग्ल दैनिक टाइम्स आफ इंडिया पर सेंसरशीप लगाने की बात भी वे कह गए।
श्री नाग ने आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में प्रेस से जुड़े लोगो के अधकचरे ज्ञान का लाभ उठा कर यह तक कह डाला कि वर्तमान प्रेस कौसिंल आफ इंडिया ने टाइम्स आफ इंडिया पर सेंसरशीप लगाई थी जबकि देश में आापतकाल के समय ही प्रेस पर सेंसरशीप पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमति इंदिरा गांधी ही लगा सकी है। दो बार से प्रेस कौसिंल आफ इंडिया के सदस्य रहे राजीव रंजन नाग यह कैसे भूल गए कि प्रेस कौसिंल वह शेर है जो सिर्फ दहाड़ सकता है क्योकि उसके काटने वाले दांतो को सरकारपहले ही उखाड़ चुकी है। जब बैतूल में जिले भर के पत्रकारो को राजीव रंजन नाग उपदेश देकर प्रेस कौसिंल की महीमा का बखान कर रहे थे उसी समय दैनिक पंजाब केसरी के पत्रकारा रामकिशोर पंवार ने श्री नाग को ज्ञात कराया कि प्रेस कौसिंल आखिर क्या है। श्री पंवार ने दस साल पहले उनके द्वारा उदयपुर में आयोजित प्रेस कौसिंल आफ इंडिया की बैठक में उनके द्वारा की गई शिकायत पर प्रेस कौसिंल आफ इंडिया की लाचारी का जिक्र करते हुए बताया कि प्रेस कौंसिल बिना दांतो का दहाड़ वाला शेर है वह पत्रकारो की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर सकता।
श्री पंवार ने कहा कि बार - बार पत्रकारो की ओर से आवाज उठती है कि प्रेस कौसिंल आफ इंडिया का अध्यक्ष किसी पत्रकार को बना दो लेकिन सरकार ऐसा नहीं करती है। श्री पंवार ने श्रभ् राजीव रंजन नाग को बताया कि विदर्भ के किसानो का दर्द सबसे अधिक विदर्भ के पत्रकारो ने ही उठाया है। आप कैसे विदर्भ के पत्रकारो की पत्रकारिता पर सवाल उठा सकते है। श्री पंवार ने कहा कि विदर्भ से जुड़ा है बैतूल जिला इसलिए विदर्भ के दर्द से वह अछुता नहीं है। बैतूल में ब्रह्माकुमारीज् के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित मीडिया सम्मेलन को संबोधित करनें आए श्री राजीव रंजन नाग से बैतूल जिले के वरिष्ठ पत्रकार रामकिशोर पंवार की तीखी बहस हो गई जब वे प्रेस कौसिंल को महीमा मंडित कर रहे थे। श्री पंवार ने याद दिलाया कि प्रेस कौसिंल किस तरह सरकार के सामने लाचार है।