मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एक दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन
पटना/ मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एक दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया । साथ में गौरैया चित्र प्रदर्शनी भी लगी। "कैमरा सिर्फ एक तकनीकी क्रांति नहीं है। ये जीवन की सूक्ष्म गतिविधियों को बारीकी से देखने का औज़ार भी है, बशर्ते हम अपने भीतर वो परखी नज़र पैदा कर सकें। इसीलिए असली पत्रकारिता किताब और कैमरे से शुरू होकर आम जीवन तक जानी चाहिए"। ये बातें आज मशहूर गौरैया संरक्षक और छायाकार संजय कुमार ने मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में कहीं।
संजय कुमार ने इस कार्यशाला में सिंगल लेंस कैमरे से लेकर डिजिटल कैमरे के कई मॉडल और ट्राइपॉड के साथ उपस्थित प्रशिक्षुओं को फोटोग्राफी के सफर के बारे में विस्तार से बताया। प्रतिभागियों ने उन कैमरों से विश्वविद्यालय में फोटोग्राफ भी खींचे। इस कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से फोटोग्राफी करने के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातों को भी विस्तार से समझाया गया और प्रतिभागियों ने विशेषज्ञ से सवाल भी पूछे।
इस अवसर पर एनवायरनमेंट वॉरियर्स संस्था द्वारा संजय कुमार द्वारा खिंची गयी गौरैया की अनोखी चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई।
मौके पर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों के अलावा विभाग के प्रभारी डॉ निखिल आनंद गिरि, डॉ रंजीत कुमार, डॉ नेहा दुबे, डॉ ज़ाकिर हुसैन जमशेद, डॉ मो. जमशेद आलम व अन्य छात्र भी उपस्थित रहे।