मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों का करना होगा पालन
नयी दिल्ली/ उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट किया कि सभी समाचार पत्रों एवं संवाद समितियों को मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों का पूर्ण रूप से पालन करना ही होगा। न्यायालय ने कहा कि कोई भी समाचार संगठन अपनी खराब आर्थिक स्थितियों को आधार बनाकर वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने से मना नहीं कर सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर कोई समझौता नहीं हो सकता है।
देशभर के अख़बारों में काम करने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार था, उसका आदेश है कि इसकी सिफारिशें हर हाल में लागू होंगी. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में ही मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा दी थी, लेकिन अखबार समूहों ने इसे लागू नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के साथ ही ये कहा कि अख़बार समूहों के खिलाफ अवमानना का ममला नहीं बनता.
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू ना करने पर देश के बड़े अखबार समूहों के खिलाफ दाखिल अदालत की अवमानना के मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि अखबार समूहों ने आदेश के बावजूद डिफॉल्ट किया लेकिन ये जानबूझकर नहीं किया इसलिए उनके खिलाफ अवमानना का मामला नहीं बनता. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि वित्तीय घाटा वेज बोर्ड लागू न करने की कोई वजह नहीं. मजीठिया आयोग की सिफारिशें सभी रेगुलर और कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मियों पर लागू होंगी.