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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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करियर नहीं जीवन बनाने की सोचें: प्रो. कुठियाला

एमसीयू के कुलपति का जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम

भोपाल। विद्यार्थी को करियर की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि उसे जीवन बनाने के लिए चिंतन करना चाहिए। करियर तो साधन मात्र है। हमें जीवन का उद्देश्य तय करना चाहिए और उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए करियर रूपी साधन का उपयोग करना चाहिए। यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने कही। वे कल जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। इस मौके पर कुलपति के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलने पर उनका अभिनंदन भी किया गया।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. कुठियाला ने कहा कि संचार के अध्ययन से विद्यार्थी के जीवन में बड़े सार्थक बदलाव आते हैं। विद्यार्थी की सोच सकारात्मक होती है, विश्लेषण करने की क्षमता का विकास होता है और दृष्टिकोण भी बढ़ता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में शैक्षणिक गुणवत्ता की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को यहां से नया सीखने के लिए प्रेरित किया। प्रो. कुठियाला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि एक छोटा-सा बीज अनुकूल वातावरण पाकर विशाल वटवृक्ष बन जाता है। जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों के लिए वैसा ही अनुकूल वातावरण है। विद्यार्थी यहां अपनी छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उसे नया आयाम दे सकते हैं।

नकारात्मकता से बचें

कुलपति प्रो. कुठियाला ने दृष्टांत देते हुए कहा कि प्रत्येक बस्ती में श्मशान घाट अनिवार्य है। लेकिन, हम श्मशान घाट बस्ती के मध्य में न बनाकर बाहर बनाते हैं। यही स्थिति मीडिया के संबंध में होनी चाहिए। हमें वॉच डॉग की भूमिका तो निभानी है लेकिन हर वक्त नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए। हमें अपने आसपास सकारात्मकता खोजनी चाहिए। सकारात्मक संचार से हम समाज को भी प्रसन्न रख सकेंगे और स्वयं भी प्रसन्न हो सकेंगे। कार्यक्रम का संयोजन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया। आभार व्यक्त लोकेन्द्र सिंह ने किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति  

विश्वविद्यालय के पुन: कुलपति नियुक्त होने पर जनसंचार के विद्यार्थियों की ओर से प्रो. बृजकिशोर कुठियाला का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर ज्ञानेश चौहान, सौरभ सोनी, नूह अली आफरीदी, सुयश भट्ट और कनिष्का ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसके अलावा छात्र अभिषेक कुमार, चिरंजीवी थापा, आकृति शर्मा और शिबु कुमार त्रिपाठी ने अपने विचार रखे। इस मौके पर डा. पी.शशिकला, डा.राखी तिवारी, डा. अविनाश वाजपेयी, आशीष जोशी, डा. संजीव गुप्ता, डा. सौरभ मालवीय उपस्थित रहे।

 

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सम्पादक

डॉ. लीना