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आज से फिल्म फेस्टिवल

तीन दिनों में कुल 22 फिल्मों का होगा प्रदर्शन

पटना। पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा 01 जुलाई से 03 जुलाई 2016 तक ’भविष्यत- ए फेस्टीवल ऑफ डाक्यूमेंटरी एण्ड शार्ट फिल्म्स’ का आयोजन किया गया है। बिहार में प्रतिवर्ष होने वाले फिल्मोत्सवों के मुकाबले यह अनोखा है क्योंकि इस तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव में केवल डाक्यूमेंटरी एवं लघु फिल्में ही दिखायी जाएंगी। इन फिल्मों की अवधि ढ़ाई मिनट से लेकर चालीस मिनट तक की होगी। विभिन्न फिल्मों के माध्यम से देश के ऐतिहासिक, सामाजिक, सार्वजनिक आयामों को जानने-समझने का अवसर सिने प्रेमियों को मिलेगा। चंद लघु फिल्में मानवीय संवेदनाओं की कहानी भी कहेंगी। फिल्म प्रदर्शन के अतिरिक्त सिनेमा के विशेषज्ञों तथा स्थानीय फिल्मकारों के साथ दर्शकों का परस्परसंवादात्मक वार्ता का भी सत्र होगा। तीन दिनों में कुल 22 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। उक्त जानकारी फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर प्रो. जय देव ने दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में स्वस्थ सिनेमा संस्कृति को गति प्रदान करने के लिए पाटलिपुत्र सिने सोसायटी कृतसंकल्प है। विगत 5 वर्षों से सोसायटी द्वारा फिल्मों का लगातार साप्ताहिक प्रदर्शन किया जाता है। प्रत्येक शानिवार को 3 बजे से फिल्में दिखायी जाती हैं। इन पांच वर्षों में सोसायटी ने 200 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन किया है। इनमें इंडियन क्लासिक, यूरोपियन, अमेरिकी, जापानी फिल्मों के अतिरिक्त सैंकडों डाक्यूमेंटरी एवं लघु फिल्में शामिल हैं। वर्तमान वर्ष 2016 में अब तक 28 फिल्में सोसायटी द्वारा दिखायी जा चुकी है। इनमें सत्यजीत रे की महान कृति ’पाथेर पांचाली’, महेश भट्ट की ’सारांश’, मणि रत्नम की ’रोजा’, विश्वप्रसिद्ध ईरानी फिल्मकार माजीद मजीदी की ’चिल्ड्रेन आॅफ हेवन’, शामिल है।

साप्ताहिक फिल्म स्क्रीनिंग के अतिरिक्त समय-समय पर पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा सिनेमा से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। इस वर्ष फरवरी माह में सोसायटी ने ’डाक्यूमेंटरी एण्ड शाॅर्ट फिल्म’ प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसमें बिहार के दो दर्जन से अधिक उभरते युवा फिल्मकारों ने अपनी फिल्में भेजीं श्रेष्ठ तीन फिल्मों को सोसायटी द्वारा पुरस्कृत किया गया था। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में जाने वाले छात्रों के लिए मई महीने में ’फिल्म निर्माण कार्यशाला’ का आयोजन सोसायटी ने किया था। इसमें आॅस्ट्रेलिया में कार्यरत फिल्मकार आनंद कुमार ने छात्रों को डाक्यूमेंटरी फिल्म निर्माण की बारीकियों से परिचय कराया था।   

 

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सम्पादक

डॉ. लीना