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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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आईआईएमसी के पूर्व छात्र की इलाज के अभाव में ओडिशा में मौत

पूर्व छात्रों ने खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिख परिवार की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा उठाने की माँग की
नई दिल्ली। भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व छात्रों ने ओडिशा में अपने साथी मनोज कंधेर की इलाज के अभाव में मौत राज्य की खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था को दोषी बताया है। पूर्व छात्रों ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर इस मौत की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सहित मनोज कंधेर की पत्नी और बच्ची को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
आईआईएमसी ढेकेनाल के पूर्व छात्र रहे मनोज फिलहाल दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन में हेल्थ कम्युनिकेशन स्पेशिलिस्ट के तौर पर कार्य कर रहे थे। वो चिकित्सा से जुड़े संचार के क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय थे और उड़ीसा राज्य के एड्स कंट्रोल सोसायटी में भी काम कर चुके थे। उनके साथी जिशान हैदर ने बताया कि मनोज कंधेर दुर्गा पूजा की छुट्टियों में अपने गांव ओडिशा के बारगढ़ जिले के नागपल्ली गए थे। घटना वाले दिन वो गांव के पास नहर में नहाने गए थे जहां उन्हें किसी सांप ने काट लिया। जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ तो तुरंत वहीं से अपनी मोटरसाइकिल से नजदीक  के थुवापल्ली के अस्पताल पहुंचे, वहां कोई इलाज उपलब्ध नहीं होने के चलते उन्हें वीएसएस मेडिकल कॉलेज, बुर्ला जाने की सलाह दी गई। इस अस्पताल के दूर होने के चलते वह रामुंदा की तरफ बढ़े लेकिन रास्ते में ही बेहोश होकर गिर गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें पहले बारगढ़ और फिर बुर्ला के अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां भी एंटी-विनम इंजेक्शन नहीं होने और समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण, अत्यंत ही शर्मनाक परिस्थितियों में उन्होंने दम तोड़ दिया।
ओडिशा में खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था के लिए पूर्व छात्रों ने राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को दोषी बताया और मनोज कंधेर के मौत की जिम्मेदारी लेने की मांग की। आईआईएमसी के पूर्व छात्र और पत्रकार ऋषि सिंह ने कहा कि राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपए स्वास्थ्य बजट पर खर्च कर रही है, जबकि गांवों में सांप काटने के इलाज तक मुहैया नहीं करा सकी है। इलाज के अभाव में किसी नौजवान का दम तोड़ देना बेहद शर्मनाक घटना है। उन्होंने कहा कि मनोज की मौत के बाद उनकी पत्नी और छोटी बच्ची की जिम्मेदारी राज्य सरकार को उठानी चाहिए और उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार मनोज की मौत के जिम्मेदार खामियों की पहचान करे और उनके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करे ताकि ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ति पर रोक लग सके।

 आईआईएमसी के पूर्व छात्रो द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

(विजय प्रताप, अवनीश राय, पूर्णिमा उरांव, राजीव यादव, नवीन कुमार, सौम्या झा, अरुण उरांव, वरुण शैलेश, अविनाश कुमार चंचल, सरोज कुमार, अखिल रंजन, रजनीश, साद बिन उमर, अरविंद शुक्ला )

संपर्क – 09015201208

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सम्पादक

डॉ. लीना