Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

'डरी हुई चिड़िया का मुकदमा' का लोकार्पण

कर्मानंद आर्य का काव्य संग्रह

पटना / आज पटना पुस्तक मेला के रशीदन बीबी सभागार में कर्मानंद आर्य के अभी अभी प्रकाशित दूसरे काव्य संग्रह 'डरी हुई चिड़िया का मुकदमा' का लोकार्पण हुआ। पिछले साल ही इनका प्रथम काव्य संग्रह 'अयोध्या और मगहर के बीच' प्रकाशित हुआ था और काफी चर्चित रहा था।

अरुण कमल ने अपने वक्तव्य में कहा कि हाल के वर्षों में जिन कवियों ने अपनी प्रतिभा और रचनाशीलता से सम्पूर्ण हिंदी जगत को प्रभावित और विस्मित किया है उनमें कर्मानंद आर्य अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि इस युवा कवि का लोकार्पित काव्य संग्रह एवं प्रथम काव्य संग्रह दोनों की पांडुलिपियों से मुझे गुजरने का सुखद अवसर मिला है।  

बता दें कि दोनों संग्रह पांडुलिपि पुरस्कार योजना के तहत प्रकाशित हैं।

लोकार्पण समारोह में खुद कवि के अलावा खगेंद्र ठाकुर, अवधेश प्रीत, रामधारी सिंह दिवाकर, विनय कुमार, विपिन बिहारी, मुसाफ़िर बैठा, मुकेश प्रत्यूष एवं अरविंद पासवान मंच पर उपस्थित थे। मंच संचालन अरुण नारायण ने किया।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना