Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

कालेज आफ कामर्स में जल्द ही खोले जायेंगे नये एडआन कोर्स

धूमधाम से मनाया गया 72 वां गणतंत्र दिवस

पटना/ कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना में बहत्तर वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शान्डिल्य ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एनसीसी कैडेटों के परैड की सलामी ली। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के डीएसडब्लू प्रो. कौशलेंद्र कुमार सिंह मौजूद थे। ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो तपन कुमार शान्डिल्य ने कहा कि कोरोना विषम परिस्थितियों में भी देश को विकास की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के शिक्षकों ने करोना काल में भी पठन-पाठन के साथ साथ अपने सामाजिक दायित्वों का भी पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन किया है। उन्होंने एन एस एस के स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेटों के कार्यो की सराहना करते हुए कहा एनएसएस की कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. कीर्ति अथक प्रयासों के कारण महाविद्यालय के एन एस एस के स्वयंसेवकों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाना गौरव की बात। उन्होंने कहा कि पिछली बार महाविद्यालय को नैक से ए ग्रेड प्राप्त हुआ था। अब नैक के तीसरे साइकिल के मूल्यांकन का समय आ गया है। हमें खूब महन्त कर नैक के मानकों पर पूरा उतरना है और पुन : ए ग्रेड प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि नैक का मूल्यांकन अब पहले से ज्यादा कठिन है अब नैक का मूल्यांकन में कालेज के रख रखाव से ज्यादा शोध कार्यों पर जोर दिया जाता है इसलिए हमें महाविद्यालय में रिसर्च को बढ़ावा देना है। रिसर्च के लिए लैब का आधुनिकीकरण करना है ताकि गुणवत्ता पूर्ण शोध कार्य सम्पन्न हो सके । उन्होंने कहा कि आगामी नैक के मूल्यांकन की दृष्टिकोण से महाविद्यालय के मानविकी, वाणिज्य और सोशल साइंस विभागों का विकास हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा एनएसएस और एनसीसी को और सबल और सशक्त बनाने का प्रयास हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद छात्रों को रोजगार उन्मुखी शिक्षा देने समय की जरूरत है। इस लिए महाविद्यालय में कइ एडआन कोर्स add on course खोलने की योजना अन्तिम चरण में है । हमारे  महाविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार और मेडिकल लैबोरेट्री तकनीशियन समेत कई एडआन कोर्स चल रहे हैं। यह कोर्स मीडिया और चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने में सफल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी योजना महाविद्यालय में चल रहे एडआन पाठ्यक्रमों के साथ साथ आधुनिक उपकरणों से लैस कुछ और एडआन पाठ्यक्रम शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के दौर में एडआन, वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स का महत्व बढ़ गया है। क्योंकि यह रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने में मददगार सिद्ध होते हैं ।उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में विज्ञान की प्रयोगशालाओं को और आधुनिक किया जाएगा तथा पारम्परिक विषयों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर सुविधा और उपलब्ध कराने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुशासन सफलता की कुंजी है हम अनुशासन में रह कर महाविद्यालय के विकास की एक नई इबारत लिखने के लिए वचनबद्ध है।

इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने उत्कृष्ट योगदान के लिए एन एस एस स्वयंसेवकों, एन सी सी कैडेटों, परीक्षा के सफल संचालन के लिए महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. के. एन. यादव तथा महाविद्यालय में विधि व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुलानुशासक प्रो. मनोज कुमार को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और छात्र - छात्राएं उपस्थित थे।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना